रेलवे के अतिक्रमण दस्ते ने 17 घरों और दुकानों को किया ध्वस्त

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    • रेलवे ने 40 सालो से रह रहे लोगो को किया बेघर
    •  पूर्व जि.प. सदस्य प्रवीण सुर, राजेश रेवते, उल्हास रत्नापारखी गिरफ्तार

    चंद्रपुर/ माजरी: माजरी- रेलवे प्रशासन ने 17 नागरिकों को फिर से नोटिस जारी कर घर खाली करने का निर्देश दिया था.संघर्ष समिति, व्यापारी संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया.हालांकि, भारी विरोध के बावजूद रेलवे प्रशासन अतिक्रमण दस्ते, स्थानीय पुलिस प्रशासन और 400 सैनिकों ने नियोजित रेलवे साइडिंग स्थल पर मार्च किया.घरों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. अतिक्रमण अभियान मंगलवार सुबह 6 बजे शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन के लिए 2 जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं.

    इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई गरीब परिवार सड़कों पर उतर आए हैं और गर्मी के दिनों में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है और अब सवाल यह है कि ये बेघर परिवार कहां जाएंगे.रेलवे ने आज सुबह कार्रवाई की.अत्यंत खराब परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे नागरिकों के बीच केवल एक ही हलचल थी. “हमें कार्रवाई करने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी,” उन्होंने कहा. उन्होंने रेल प्रशासन से दो दिन का सामान उतारने के लिए भी कहा था. 

    हालांकि रेलवे ने बिना समय सीमा बताए सीधी कार्रवाई की.इस कार्रवाई से यहां के गरीब नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है.  एक ओर जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उधर, पीड़ित नागरिकों ने गरीबों को बेघर किए जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया.उन्होंने मांग की कि सरकार इन गरीब नागरिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान करे.

    इस बीच, रेलवे की कठोर कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों नागरिको ने पुलिसकर्मी और आरपीएफ डरे नहीं.पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर धारा 68 के तहत हिरासत में ले लिया.  इस बीच लोगों की जीत के लिए संघर्ष कर रहे उनके नेता की गिरफ्तारी ने कुछ देर के लिए तनाव पैदा कर दिया।  हालांकि, पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया और दोपहर में उन्हें छोड़ दिया गया. ऑपरेशन दोपहर तक चलता रहा  इस ऑपरेशन में रेल प्रशासन बेहद खराब परिस्थितियों में जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे नागरिकों को विस्थापित करने में सफल रहा है.

    अतिक्रमण अभियान के दौरान अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आयुष नोपानी, माजरी के थानेदार विनीत घागे, सपोनी अजीत सिंह देवरे, पीओ. जोजी एएससी, के.एन.  राय निरीक्षक चंद्रपुर सहित पांच निरीक्षक, आठ उप निरीक्षक मौजूद थे।

    यह जनता के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ाई है. रेल प्रशासन ने उसे पकड़ने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया है. लोगों को न्याय पाने के लिए जेल जाना पड़ेगा. लेकिन यह लड़ाई जारी रहेगी.

    -प्रवीन सूर, पूर्व जिला परिषद सदस्य

    बिना किसी मुआवजे के गरीबों के घर गिराना रेल प्रशासन के लिए बेहद निंदनीय है.

    राजेश रेवते ,संगठनमंत्री भारतीय सुदर्शन संघ

    कार्रवाई नियमानुसार की गई. रेलवे की जमीन पर से अतिक्रमण हटाकर रेलवे ने अपनी जमीन पर कब्जा कर लिया है. ऑपरेशन के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया ऑपरेशन शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चलाया गया.

    -विनीत घागे, थानेदार, माजरी

    माजरी कॉलरी बना पुलिस छावणी

    माजरी: वेकोलि माजरी क्षेत्र मे रेलवे साइडिंग विस्तारीकरण का कार्य अतिक्रमणकारियों के कारण पिछले पांच वर्षों से अधर में लटका हुआ था. जिसके कारण रेलवे विभाग को प्रतिदिन प्राप्त होने वाले राजस्व में एक करोड़ रुपये का घाटा होता था. अतिक्रमणकारियों के न हटने से वेकोलि और रेलवे प्रबंधन असमंजस के स्थिति में थीं. अनेको बार रेलवे प्रशासन ने सभी को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस पकड़ाया. लेकिन अतिक्रमणकारी टस से मस नही होते थे. जिसका मुख्य कारण स्थानीय राजनेताओ द्वारा लोगों को गुमराह करना रहा. जिसके वजह से लोगो का लाखो में नुकसान हुआ.

    जबकि उपविभागीय पुलिस अधिकारी आयुष नोपानी के नेतृत्व में सुबह पांच बजे से ही पुलिस की दर्जनों गाड़िया, दंगा पथक, आर.पी.एफ. टास्क फोर्स, फायरब्रिगेड, एम्बुलेंस,बुलडोजर तथा चार सौ जवानों सहित माजरी कॉलरी की घेराबंदी की गयी. जिसके बाद अतिक्रमणकारियों के सत्रह घरो और दुकानें को बुलडोजर से हटाना सुरु किया गया. जिसमे कुछ लोगों द्वारा आपत्ति जताने पर पुलिस द्वारा कारवाही की गयीं. और कुछ लोग कारवाही से बचने के लिए भाग निकले.

    फिलहाल सत्रह घरों और दुकानों को तोड़ा गया. अतिक्रमण हटाने का काम दोपहर तक चलते रहा. अपने आशियानों की अपने आँखों के सामने टूटते देख अनेकों दुकानदारों के चहेरों पर मायूसी दिखी. माजरी में सुबह से ही सभी दुकानदारों ने दुकाने बंद रखी थी और मार्केट में पूरा सन्नाटा छाया हुआ था.

    ज्ञातव्य हो कि रेलवे साइडिंग बनने के बाद वेकोलि का कोयला ढुलाई की गति बढ़ेगी. जबकि माल ढुलाई से रेलवे की प्रतिमाह करोडो रुपये का लाभ मिलेगा। किसी तरह की अप्रिय घटना ना घटे पुलिस विभाग तथा आर.पी. एफ. की टीम ने चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी.