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    • शिकार, बाघों की भिडंत, दुर्घटना और नैसर्गिक रुप से बाघों की मौत बनी चिंता

    चंद्रपुर. बल्लारशाह वनपरिक्षेत्र के कारवा उपक्षेत्र अंतर्गत कारवा बिट के कक्ष क्रं. 500 में 27 नवंबर को एक मदा बाघिन मृत मिली थी. बाघिन की मौत बाघों के संघर्ष होने का प्राथमिक आनुमान वनविभाग के अधिकारियों ने लगाया. इस मादा बाघिन की मौत के साथ ही जनवरी से अब तक जिले में कुल 12 और राज्य में 22 बाघों की मौत हो चुकी है. बाघ दांत, नाखून, पूंछ आदि सभी सलामत थे. इसलिए वनविभाग ने दावा किया बाघ की मौत नैसर्गिक है.

    लालच और अंधश्रध्दा के चलते बाघों का शिकार

    नागभीड तहसील के तलोधी बालापुर के पास एक खेत में एक बाघ का करंट लगाकर शिकर किया था. उसके दांत और नाखून बेचने के प्रयास में आरोपी वनविभाग के हत्थे चढ गए थे. इसके अलावा कोठारी में भी शिकार कर उसके अवयय नगापुर के बुट्टीबोरी पुलिस थाना अंतर्गत बेचते आरोपी धराये थे.

    सिंदेवाही में वनविभाग की टीम ने दो आरोपियों को बाघ के अवयय के साथ धर दबोचा था. पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों ने बताया था कि बाघ के अवयय धन वर्षा के लिए बाघ के नाखून, बाल, दांत और हड्डी का प्रयोग किया जाता है. उसी प्रकार बाघ के दांत और नाखून को ऊंची कीमत में बेचने के लिए तस्करी के लिए बाघों का शिकार किया जाता है.  इसके अलावा अनेक प्रकार की अंधश्रध्दा के चलते बाघ का शिकार किया जाता है जो वनविभाग के लिए  चिंताजनक है.

    इस प्रकार हुई है बाघों की मौत

    बल्लारशाह के जुनोना में इस मृत बाघिन की आयु 5 से 6 वर्ष है. उसकी मौत 3 से 4 दिन पूर्व होने का अनुमान व्यक्त किया गया है. बाघिन के सभी अंग सुरक्षित होने से उसकी मौत बाघों के भिडंत में होने का अनुमान है. इसी महीने 23 नवंबर को नागपुर जिले के उमरेड बस स्टैंड के पास बाघों के दांत, नाखून की तस्करी करते नागपुर की टीम ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों ने नागभीड तहसील के तलोधी बालापुर परिसर में  8 दिनों पूर्व खेत के बाड में करंट लगाकर बाघ का शिकार किया था.

    वनविभाग की टीम की उपस्थिति में मरे बाघ का शव खेत से खोद कर निकाला गया और उसका पंजा पास से बहने वाले नाले से निकाला था. इस घटना के पूर्व पोंभूर्णा और कोठारी में एक एक बाघ मरा मिला था. कोठारी वनपरिक्षेत्र में बाघ का शिकार कर उसके अवयय नागपुर जिले के बुट्टीबोरी पुलिस स्टेशन अंतर्गत तस्करी का प्रयास करते पुलिस ने धर दबोचा था. 19 जुलाई की दोपहर 2 बजे वनविभाग की टीम को डेढ वर्षीय मरा बाघ मिला था. 5 जून को मूल तहसील डोणी के जंगल में एक बाघिन मृत मिली थी. 

    7 जून को सिंदेवाही तहसील के मरेगांव नियतक्षेत्र के कक्ष क्रं. 261 में मरे हुए बाघ के अंग मिले थे. पूछताछ के बाद दो आरोपियों ने स्वीकार किया था कि धन वर्षा के लिए आरोपी बाघ के अवयय ले गए थे किंतु उन्होंने बाघ का शिकार नहीं किया था. 8 जून को राजुरा वन परिक्षेत्र के विहिरगांव उपक्षेत्र तथा नियतक्षेत्र  172 में नर बाघ मरा हुआ मिला था. 9 फरवरी को ताडोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के बफर वनक्षेत्र के आष्टा बीट के शेगांव समिपस्थ अर्जुनी कोकेवाडा परिसर के एक खेत में बाघ मृतावस्था में पाया गया.  इस मृत  नर बाघ की आयु  ढाई से तीन वर्ष थी. 29 जनवरी को भद्रावती रेंज के छिपरला गांव के कम्पार्टमेंट क्रं. 210 में मृत बाघ मिला था. 

    इस बाघ की नैसर्गिक मौत होने की जानकारी वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने दी थी. उसके दांत, नाखून, पूंछ आदि सभी सलामत थे. नागपुर के गोरेवाडा में ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के खली नामक बाघ की मौत हो गई थी. उसकी डील हौल की वजह से उसे खली के नाम से संबांधित किया जाता था. इस प्रकार जिले में अब तक 12 और राज्य में 22 बाघों की मौत हो चुकी है.

    जिले में 200 से अधिक बाघ

    वनविभाग के अनुसार चंद्रपुर जिले में 200 से अधिक बाघ है. कई बार बाघ किसी प्रकार की दुर्घटना का शिकार हो जाते है और कई बार बाघों की भिडंत में उनकी मौत हो जाती है.