- किसानों से अधिक व्यापारियों को लाभ की उम्मीद
चंद्रपुर. पिछले कुछ वर्षो के अनुभव को देखा जाये तो सोयाबीन की कीमत में वृध्दि हो रही है. किंतु आर्थिक आवश्यकता के लिए अनेक किसानों ने सोयाबीन के निकलते ही बेच दिया है. वहीं कुछ ही किसानों के पास सोयाबीन बचा है इसलिए भले सोयाबीन के दाम बढ रहे हो किंतु इसका लाभ किसानों की बजाय खरीदारों को अधिक होने की प्रबल संभावना है.
इस वर्ष पहली बार सोयाबीन को समर्थन मूल्य से अधिक दाम खुले बाजार में मिला है. वैसे इस वर्ष सोयाबीन की बुआई कम की गई है इसलिए बाजार में सोयाबीन की आवक कम हो रही है. मांग बढने के साथ ही सोयाबीन के दाम बढ रहे है. नतीजा तेल, ढेप महंगे हो रहे है ऐन समय पर बेमौसम बरसात होने से कटाई में परेशानी हो रही थी. क्योंकि जमीन में नमी बनी रहने से काटते समय सोयाबीन के पौधे उखडकर सीधे हाथ में आ जाते.
इसके अलावा सोयाबीन को अंकुर फूट आए थे. जिससे सोयाबीन की पैदावार में गिरावट आई है. मांग और पूर्ति के नियमानुसार अब मांग अधिक है नतीजा आने वाले समय पर सोयाबीन को बेहतर दाम मिलने की प्रबल संभावना है.
दीपावली त्योहार के समय पर सोयाबीन के दाम में कुछ गिरावट आई थी किंतु इसके बाद दाम बढते जा रहे है. इस वर्ष सोयाबीन का बुआई क्षेत्र कम था और मौसम की मार से पैदावार कम हुई है.
गतवर्ष 11,000 तक मिला था भाव
गत वर्ष सोयाबीन निकलने के बाद दाम कम हुए थे. किंतु किसानों का सोयाबीन खत्म होने के बाद बाजार में सोयाबीन को बेहतर दाम मिला है. कुछ कृषि उपज बाजार समिति में 8,000 से 11,000 रुपए दाम मिले थे. इस वर्ष भी अंत में बेहतर दाम मिलने की उम्मीद में कुछ किसानों ने सोयाबीन बचाकर रखा है.
लौटते मानसून और बेमौसम बरसात की किसानों पर मार
इस वर्ष लौटते मानसून की वजह से किसानों की सोयाबीन के साथ अन्य फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. सोयाबीन की फसल कटाई लायक होने से समय पर काट नहीं सके और उसके अंकुर फूट आए. जिससे किसानों का बेमौसत की मार झेलनी पडी है.
तारीख वरोरा मंडी में अधिकतम दाम
27 नवंबर 6400
26 नवंबर 6600
25 नवंबर 6450
24 नवंबर 6475
23 नवंबर 6570
22 नवंबर 2800
21 नवंबर 5800
20 नवंबर 5900