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    चंद्रपूर. महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल के कर्मचारीयेां ने पिछले 10 से 12 दिनों से हडताल पर है. हडताल में चंद्रपुर विभाग के एसटी कर्मचारीयेां ने सहभाग लिया. मांगे पूर्ण होने तक कर्मचारीयों ने हडताल पर रहने की निर्णय लिया है. ऐसे में अत्यावश्यक सेवा में आनेवाले एसटी की सेवा नही मिलने से दिवाली के दिनों में नागरिकों के हाल बेहाल हो रहे है. हडताल पर रहनेवाले चंद्रपुर विभाग के करिबन 14 कर्मचारीयों पर मंगलवार को चंद्रपुर विभागीय प्रशासन ने निलम्बन की कार्रवाई की है. ओर कुछ कर्मचारीयों पर निलम्बन की लटकती तलवार है. 

    चंद्रपुर जिले में सोयाबीन के लिए बाहरी गांव में गए मजदूरों को लौटने के लिए कोई साधन नही होने से मजदूरों पर काफी नाराजगी फैली हुई है. ऐसे में दिवाली के दिनों के चलते एसटी बस में प्रवासियों की भीड रहती है. परंतु इसवर्ष त्योहारों के दिनो में कर्मचारीयों ने हडताल पर रहने से नागरिकों के हाल बेहाल हो रहे है. परंतु एसटी महामंडल का इस हडताल के चलते 30 से 28 लाख रूपए का नुकसान हो रहा है. पिछले 10 दिनों में नुकसान का आंकडा करोडों तक पहुचा है. पहले ही घाटे में चल रहा रापनि महामंडल इस हडताल से ओर अधिक घाटे में पहुच गया है. 

    चंद्रपुर विभाग में करिबन 250 से अधिक एसटी बसेस के पहिए विविध डिपो में रूके हुए है. एसटी के पहिए थमे होने से कई प्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. 

    इस कार्रवाई से राज्य परिवहन महांमडल के चंद्रपुर विभाग के कम्रचारीयों में संताप की लहर है. इससे यह आंदेालन अधिक पेचीदा होने की संभावना है. दोरान हडताल करनेवाले कर्मचारीयों पर निलम्बन की लटकती तलवार है. निलम्बन में चंद्रपुर विभाग के चंद्रपुर, वरोरा, राजुरा व चिमूर आगार के विविध पदोंपर काम करनेवाले कर्मचारीयों का समावेश है. 

    एसटी महामंडल में काम करनेवाले कर्मचारीयेां का पिछले कई महिनों से अत्यंत कम वेतन मिलने से उन्हे परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. समान काम, समान वेतन तत्वपर किमान वेतन कानुन अनुसार वेतन दिए जाने, महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल का आंध्रप्रदेश राज्य के तर्ज पर शासन में समावेश करने की मांग कर्मचारी कर रहे है.

    परंतु इस मांग की ओर अनदेखी की जा रही है. इसलिए एसटी महामंडल के कर्मचारीयों ने 29 अक्टूबर से कामबंद आंदेालन शुरू किया है. इस आंदोलन से राज्य परिवहन महामंडल को करोडों का नुकसान सहना पड रहा है. चंद्रपुर के सभी स्थानेां के डिपो से 600 ते 700 फेरी प्रतिदिन होती है. परंतु हडताल से सभी बस बंद है. 

    दौरान औद्योगिक न्यायालय ने कर्मचारीयों की हडताल को अवैध साबित करते हुए इस संदर्भ में नोटीस डिपो फलक पर लगाया है. कर्मचारीयों का काम पर आने के आदेश दिए गए. जो कर्मचारी काम जानेवाले थे उन्हे आंदोलनकारी कर्मचारीयेां ने काम पर जाने से मना कर दिया जिससे कर्मचारीयों की इस कृती से महामंडल का नुकसान हो रहा है. प्रवासीयों की परेशानीयों को देखते हुए चंद्रपुर विभाग ने 14 कर्मचारीयों को निलम्बित करने की जानकारी रापनि के विभागीय यातायात अधिक्षक ने दी है.