नए साल के लिए ताड़ोबा हाउसफुल, अगले दो माह तक एंट्री असंभव

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    चंद्रपुर. चंद्रपुर पट्टेदार बाघों के लिए विश्वभर में प्रसिध्द ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में अगले दो माह तक सफारी असंभव है. यहां नये वर्ष के स्वागत के लिए पर्यटकों ने एडवांस बुकिंग कर ली है. यहां सभी प्रमुख द्वारों से होनेवाली बुकिंग फूल  हो चुकी है. यदि किसी पर्यटक को नववर्ष ताड़ोबा में मनाना है तो उसे की गई बुकिंग के कैन्सिल होने का लाभ मिल सकता है या फिर उसे दो माह बाद ही एन्ट्री मिल पाएगी. 

    उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर जिले में पर्यटल की दृष्टि से देखा जाए तो वर्तमान में ताड़ोबा_अंधारी परियोजना देश के ही नहीं बल्कि विदेशों के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित किए हुए है. देश के सर्वाधिक बाघ यहां अभयारण्य में उपलब्ध है इनकी संख्या 100  से अधिक है. यही कारण है अधिवास के लिए संघर्ष के चलते कई बार बाघों को समीपस्थ के रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश करते हुए पाया गया है.

    हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं काफी बढी है. बाघ के अलावा इस अभयारण्य में तेंदूए, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली भैसे,भालू, मोर, जंगली मुर्गिया, जंगली सूअर, बंदर, हाथी और बदलते मौसम में आनेवाले विदेशी पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव आदि है.इतने बड़े पैमाने पर वन्यजीवों का स्वच्छंद विचरण देखने के लिए यहां पर्यटक खींचे चले आते है. 

    ताड़ोबा देश विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद होने के कारण यहां महीनों पूर्व बुकिंग करनी पड़ती है. इसके बाद ही पर्यटन का मौका मिल पाता है. अब तो बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाईन हो चुकी है. यहां जिप्सी बुकिंग के लिए दो प्रकार की आरक्षण व्यवस्था है इसमें 120  दिन पूर्व ऑनलाईन बुकिंग, एडवांस बुकिंग या  3  दिन पूर्व तत्काल बुकिंग की व्यवस्था है. अधिकांश रूप से एडवांस बुकिंग होती है. कैटर्स बुकिंग ताड़ोबा के प्रकल्प निदेशक कार्यालय से पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर उपलब्ध है.

    साधारणत: ऑनलाईन बुकिंग के लिए 60 गाडियों का आरक्षण होता है जिन्हें 6 प्रवेशद्वारों से प्रवेश दिया जाता है. सर्वाधिक गाडिया मोहुर्ली गेट से प्रतिदिन 32 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. कोलारा से 12, नवेगांव  से 06, खुटवंडा से 04, झरी से 04, पांगडी  से 02 वाहनों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है. इसी तरह तत्काल बुकिंग के लिए कुल 18 गाडियों को प्रतिदिन प्रवेश दिया जाता है. इसमें मोहुर्ली से 08, कोलारा  से 06, नवेगांव से 02,खुटवंडा  से 02 वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. 

    सप्ताह में केवल मंगलवार को कोअर और बफर में पर्यटन नहीं होता है. शेष दिनों के लिए अभयारण्य पर्यटन के लिए शुरू रहता है. इसमें सुबह 6 बजे और दोपहर 2.30 बजे दो टाईम में प्रवेश दिया जाता है. साधारणत: 6 घंटे तक पर्यटक सफारी कर सकते है. प्रवेश शुल्क के रूप में 120  से 60 दिन पूर्व ऑनलाईन बुकिंग के लिए प्रतिवाहन 4 हजार रूपये जो कि सोमवार से शुक्रवार तक लिए होता है.

    वहीं सप्ताहांत के दिन शनिवार और रविवार को प्रतिवाहन 8 हजार शुल्क लिया जाता है. 59 दिन पूर्व की बुकिंग के लिए सोमवार से शुक्रवार का शुल्क अग्रिम 1000 रूपये और शनिवार से रविवार का अग्रिम शुल्क  2000  रूपये लिया जाता है. तत्काल बुकिंग के लिए यह राशि चार हजार रूपये है.

    सभी गेटों पर एन्ट्री फूल

    यहां मोहुर्ली जोन में मोहुर्ली कोअर खुंटवडा कोअर, आगझरी बफर, देवाडा बफर, आडेगांव बफर, जुनोना बफर, मामला बफर आते है. इसमें सभी गेट में बुकिंग फूल है. केवल जूनोना को रात सफारी के लिए एक गाडी उपलब्ध है. नवेगांव जोन में नवेगांव कोअर, नवेगांव रामदेगी बफर, निमडेला बफर आते है.

    यहां सभी गेट पर बुकिंग फूल है, कोलारा जोन में कोलारा कोअर, पलसगांव बफर, कोलारा चरूरदेव बफर, अलीझंझा बफर, मदनापुर बफर, सिरखेडा बफर, बेलोरा बफर में सभी गेट पर बुकिंग हो चुकी है. केवल पलसगांव बफर में नाईट सफारी उपलब्ध है., पांगडी जोन में पांगडी कोअर, पांगडी बफर, झरी कोअर, केसलाघाट बफर, झरीपेठ में कुछ ही स्थानों पर बुकिंग उपलब्ध है. 

    ओमिक्रान के खतरे को लेकर अनिश्चितता

    इस बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान के मामले देश में तेजी से बढ रहे है. ओमिक्रान ने विदर्भ में भी एन्ट्री ली है. नागपुर में एक मामला सामने आया है. ओमिक्रान के खतरे को देखते हुए मुंबई_पुणे जैसे महानगरों में नववर्ष के सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी लगाने पर विचार हो रहा है. ऐसे में ओमिक्रान की नववर्ष के आगमन तक क्या स्थिति रहती है इसको लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.