बारिश थमी लेकिन बाढ़ का प्रकोप कायम, कई बस्तियां दूसरे दिन भी रही जलमग्न

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    • एक युवक बाढ में बहा
    • अर्हेर-नवरगांव,पिंपलगांव बाढ में डूबे
    • अतिवृष्टि और गोसेखुर्द की बाढ ने मचाया कहर

    चंद्रपुर/ ब्रम्हपुरी/ सिंदेवाही/माजरी: जिले में बाढ कहर बरपा रही है. चंद्रपुर शहर के कुछ क्षेत्रो समेत वरोरा, भद्रावती तहसील, ब्रम्हपुरी, सिंदेवाही तहसील में बाढ कहर बरपा रही है. बाढ के कारण कई बस्तियां दूसरे दिन जलमग्न है. यहां शहर में एक युवक बाढ में बह गया. वहीं ब्रम्हपुरी में मछुआरों की लाखों रूपयों की मछलियां बाढ में बह गई. माजरी में पुल निर्माण में फ्लायएश के इस्तेमाल की वजह से किसानों का भारी नुकसान हुआ है.शहर में भले ही बारिश थम गई परंतु बाढ का प्रकोप कायम है. इरई और गोसेखुर्द के दरवाजे खोले जाने से बाढ की का असर और बढने की आशंका है.

    चंद्रपुर शहर में बाढ प्रभावित सिस्टर कालोनी, रहेमतनगर, स्वावलंबी नगर, वडगांव, जगन्नाथबाबा नगर, बालाजी वार्ड, विठ्ठल मंदिर वार्ड समेत अन्य क्षेत्र में बाढ की स्थिति यथावत बन हुई है. दूसरे दिन भी बाढ का पानी कम होने के बजाय बढ रहा है. इन क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन बाढ पर नजर रखे हुए है.

    झरपट में बहा युवक  

    शहर के पठानपुरा गेट के बाहर बहनेवाली झरपट नदी में पैर फिसलने से एक 38 वर्षीय युवक पानी के प्रवाह में बह गया. विशाल देविदास समर्थ 38 मातानगर वार्ड लालपेठ का निवासी है.

    मूसलाधर बारिश होने से चंद्रपुर शहर के नदी किनारे के परिसर में बाढ का काफी असर हुआ है. नदी नाले उफान पर है. झरपट नदी भी उफान पर है. इस दौरान लालपेठ के विशाल समर्थ की लापता होने शिकायत पुलिस में दर्ज करायी गई है. लोगों का कहना है कि जमनजट्टीक्षेत्र में नदी के पुल से जाते समय उसका पैर फिसलने से वह नदी में जा गिरा था. और बहता हुआ आगे निकल गया. गुरूवार की सुबह से शहर पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है. उसकी चप्पलें पुल पर पायी गई है. शहर पुलिस थाने के पुलिस उपनिरीक्षक विजय मुक्के, दीपक चालुरकर, गुगले, संजय धोटे ने यहां आकर मुआयना किया. देर शाम तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है.

    इरई के 5, गोसेखुर्द के 23 गेट खुले

    जिले में स्थित इरई डैम के कल से सातों दरवाजे खोले गए थे. जो आज गुरूवार 11 अगस्त की दोपहर 4 बजे तक शुरू रखे गए थे. बांध का लेवल स्थिर होने पर देर शाम 5 बजे सात में दो और 6 नंबर के गेट बंद कर दिए गए जबकि गेट क्र. 1,3,4,5,7 को 0.50 मीटर तक खोला गया है. जिससे बडे पैमाने पर पानी की निकासी हो रही है. वही गुरूवार की शाम 6 बजे गोसीखुर्द के 23 गेट ढाई मीटर से खोले गए है. जिससे पानी रिसाव हो रहा है. कुल  16242.41 घनमीटर प्रति सेंकड पानी का रिसाव हो रहा है.

    जिले में बारिश थमी

    जिले में आज कई स्थानों पर बारिश थम गई है. कुछ जगहों पर हलकी बारिश हुई. पिछले 24 घंटे के भीतर चंद्रपुर तहसील में 5.4 मिमी, गोंडपिपरी 0.6 मिमी, मूल में 2.3  मिमी, सावली में 5.7 मिमी, वरोरा में 6.5 मिमी, भद्रावती में  3.7 मिमी, चिमूर में 12.1 मिमी, ब्रम्हपुरी में  17.3 मिमी, सिंदेवाही में 6.6 मिमी, नागभीड में 15.6 मिमी, राजुरा में 1.2 मिमी, कोरपना में 0.3 मिमी, जबकि बल्लारपुर, पोंभूर्णा, जिवती में बूंद भर बारिश नहीं हुई.

    वैनगंगा नदी के समीपस्थ ग्रामों को बाढ का झटका

    ब्रम्हपुरी (सं) गोंदिया, भंडार साथ ही विदर्भ में कई स्थानों में आयी मूसलाधार बारिश के कारण नागरिकों का जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है. बारिश के कारण हुए नुकसान का नजारा सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है. बाढ ने हाहाकार मचा रखा है. मूसलाधार बारिश के कारण चंद्रपुर- गडचिरोली की सीमा पर वैनगंगा नदी में बाढ आयी है. अनेक स्थानों पर रास्ते, पुल पानी में डूब गए है ऐसे में कुछ ग्रामों का संपर्क टूट गया है.

    गत तीन दिनों से अनेक स्थानों पर शहरी क्षेत्र में बारिश निरंतर जारी है. बारिश ने कहर मचा रख है. निरंतर हो रही बारिश के कारण सभी नदी नाले उफान पर है. अर्हेरनवरगांव, पिंपलगांव भो. में बाढ की स्थिति देखने लायक है. साथ ही आरमोरी की ओर जानेवाला मार्ग भी बंद है. लोगों को बाढ के कारण अडचनों का सामना करना पड रहा है.प्रशासन बाढ परिस्थिति को देखते हुए नियोजन करें ऐसी जनता द्वारा मांग की जा रही है. 

    ब्रम्हपुरी में आनेवाले मजदूर वर्ग अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र से आते है. बाढ के कारण वे आ नहीं पा रहे है. मजदूर नहीं आने के कारण शहर में दुकानों, मिल में मजदूरों के अभाव में काम ठप पड़ा हुआ है. लाडज में बाढ परिस्थिति काफी गंभीर बन गई है. प्रशासन को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. लाडज टापू पर 967 हेक्टेयर भूमि पर किसानों की फसल का भारी नुकसान हुआ है. अनेक वर्षो से शासन को निवेदन देने भी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया या आगे की कार्यवाही नहीं हो रही है. इन स्थानों पर खेत भूमि लाडज, चिखलगांव, पिंपलगांव, सोंदरी, सुरबोडी आदि ग्रामों के किसानों की खेती लाडज में है. इसके लिए चिखलगांव, लाडज, नदी पात्र में पुल कम बांध के लिए 5 करोड मंजूर हुए थे. परंतु विस्तारित इस्टीमेंट अनुसार मंजूरी देकर भी काम की शुरूआत नहीं हुई. यहां नागरिकों द्वारा अनेक वर्षों से शासन को निवेदन देने के बाद भी मांग पूरी नहीं हुई है. शासन इस मामले में पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है.

    खरकाडा- रणमोचन मार्ग बंद है. मार्ग पर 10फुट पानी जारहा है. खरकाडा (पुरानी बस्ती)से नये बस्ती मार्ग पर 5 फुट पानी है. रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है. गांव में पानी आने की शुरूआत हो गई है. पिंपलगांव- खरकाडा रोड पर 10 फुट होने के कारण लोगों का आवागमन बंद है. 50 से 60 प्रश खेती पानी में डूबी हुई है. धान, तूअर, नदी किनारे खेतों में सब्जी भाजी आदि फसल का भारी नुकसान हुआ है.

    ब्रम्हपुरी- आरमोरी रास्ते पर वैनगंगा नदी के पुल पर एवं किन्ही- बेटाला गांव के समीपस्थ पुल पर पानी बहने से ब्रम्हपुरी के थानेदार रोशन यादव ने यहां जाकर नागरिकों को पुल से आवागमन करने से सतर्क किया. 

    इस समय यातायात पुलिस अमलदार राहुल लाखे, महेश कोरे उपस्थित थे. ब्रम्हपुरी- आरमोरी मार्ग पूर्णत: बंद होने से थानेदार रोशन यादव अपने कर्मचारियों सहित ब्रम्हपुरी- वडसा- आरमोरी ऐसी यात्रा कर आरमोरी- गांगलवाडी टी पाईन्ट के समीप पुल पहुंचे. ब्रम्हपुरी तहसील के बाढपरिस्थिति पर प्रशासन निगाहें टिकाये हुए है.

    बीमार को नौका से पहुंचाया

    गोसेखुर्द बांध का पानी छोडने से वैनगंगा नदी में बाढ आयी है. इसमें कई गांव के रास्ते बंद हो गए है. तहसील के रूई निवासी अनिल संभाजी मेश्राम की अचानक तबीयत बिगडने पर उसे नौका की सहायता से तहसीलदार उषा चौधरी के मार्गदर्शन में तलाठी विशाल कोरडे, पंकज पालीवाल, सर्वेश सोनेकर, स्वप्नील इंसाद ने रेस्क्यू टीम की सहातया से एम्बूलैस तक पहुंचाया. उनके इस कार्य की सर्वत्र सराहना की जा रही है.

    सिंदेवाही तहसील में अतिवृष्टि का असर 

    सिंदेवाही तहसील में गत तीन चार दिनों से शुरू अतिवृष्टि के कारण नदी नाले तालाब उफान पर है. तहसील के अनेक अंतर्गत रास्ते बंद होने से तहसील का संपर्क टूट चुका है. धान फसल पानी में डूबी हुई है. कई स्थानोंपर घरों का काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है.

    बुधवार की रात हुई अतिवृष्टि के कारण लाडबोरी सहित तहसील के कई ग्रामों में धान फसल पानी में डूबी हुई है. किसानों का काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. नुकसान का समय पर पंचनामा कर नुकसानग्रस्तों को आर्थिक मदद करें ऐसी मांग सिंदेवाही तहसील के किसान कर रहे है. इसके साथ साथ तहसील में कई गांव में अतिवृष्टि के कारण बाढ परिस्थिति निर्माण हो गई है. बाढ परिस्थिति पर प्रशासन ध्यान रखे हुए है. घरों और खेती के नुकसान का पंचनामा तैयार किया जा रहा है. ऐसी जानकारी सिंदेवाही के तहसीलदार गणेश जगदाले ने दी है.

    वर्धा नदी पर का उडान पूल क्षतिग्रस्त, ब्रिजवॉल मे फ्लाय एश का इस्तेमाल 

    राष्ट्रीय महामार्ग 930 वरोरा – वणी मार्ग का फोरलेन का काम शुरू है साथ ही वर्धा नदी पर उड़ान पुल का काम शुरु है  लगातार हो रही बारिश और वर्धा नदी की बाढ ने निजी कंपनी की पोल खोल दी है.

     इस राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए वर्धा नदी पर नया पुल बनाया जा रहा है.  इस दौरान रालेगांव फाटा के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज के उड़ान पुल के बाजू में सीमेंट के प्लेट लगाकर साइड की दीवार खडी की गयी और उसमे का फ्लाय एश पदार्थ के रूप में फ्लाई ऐश भरी गई थी.  इसी बीच 18 जुलाई और 6 अगस्त को शुरू  भारी बारिश के कारण पाटाला स्थित रालेगांव फाटे के पास से वर्धा नदी में बाढ़ आ गई और वर्धा नदी का निर्माणाधीन पुल पानी में आ गया और क्षतिग्रस्त हो गया.बाढ़ के पानी के कारण सीमेंट की प्लेट बह गये और उसकी राख आसपास के खेतों में पाटाला गांव में घुस गई.  वह स्थिति अभी भी जारी है

    खेतों में जहां बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश जमा हो गया है.  उस खेत में फसलों की पत्तियां गिरकर पीली हो रही हैं.  राख के खेत में फैल जाने से फसलों की जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है.  ऐसे में फसलों पूरी तरह नष्ट हो गयी है.  गाव वालो ने आरोप लगाया है कि निर्माणधीन पुलिया में मटेरियल सही इस्तेमाल न होने के कारण यह पुल क्षतिग्रस्त हुवा और उसके सीमेंट के प्लेट बह गये संबंधित कंपनी का काम रोक कर उसपर कार्यवाही कर पाटाला के किसानों उसका मुआवजा दिया जाए ऐसी ग्रामीणों ने मांग है.

    वेकोलि ने एक बार फिर बाढ़ पीड़ितों के लिए खोले मदद  दरवाजे

    भद्रावती तहसील के माजरी क्षेत्र में 20 दिनों में दूसरी बार बाढ़ ने तबाही मची हुई है . वणी – वरोरा हाईवे मार्ग के वर्धा नदी के बने पुल पर पानी बहने के कारण पाच  दिनों से आवागमन ठप है . शिरना नदी का पानी माजरी पलसगाव  मे लोगो के घर मे घुसा है. माजरी क्षेत्र के दर्जनों गांव वर्धा नदी के बढ़े जलस्तर से प्रभावित है .

    इन गांवों के निवासियों के लिए वेकोलि माजरी क्षेत्र महाप्रबंधक वी के गुप्ता और उपमहाप्रबंधक आर बी वर्मा ने माजरी के नेहरू क्लब महावीर हिंदी हाईस्कूल , कुचना समुदायिक भवन तथा केंद्रीय विद्यालय कुचना में सैकड़ों परिवारों के रहने तथा खाने – पीने की व्यवस्था कर रखी है . वेकोलि की ओर से बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाई जा रही है . पटवारी शंभरकर बाढ़ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं . उपविभागीय अधिकारी सुभाष शिंदे ने बताया कि नदी में बढ़ता हुआ जलस्तर फिलहाल स्थिर रूप से बह रहा है . लोगों को डरने की जरूरत नहीं है परंतु सावधानी  बरतनी होगी. 

    नदी के किनारे पर रहने वाले नागरिक सतर्कता जरूरत बरतें

    वर्धा नदी के कैचमेंट के इलाकों में अत्यधिक वर्षा होने के कारण चंद्रपुर जिले के वरोरा एवम भद्रावती तहसील के लिए एसडीएमए, मंत्रालय, महाराष्ट्र द्वारा आरआरसी नागपुर में तैनात टीम को तुरंत चंद्रपुर जिले में रेस्क्यू एवम रिलीफ अभियान हेतु मांग किया गया था उसके लिए आज 5 रा. आ. मो. बल की टीम ने आरआरसी नागपुर से आपदा प्रबंधन के  साजों सामान के साथ चंद्रपुर जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाको में मदत  लिए पहुची. पटवारी शंभरकर दिनरात बाढ़ पर नजर बनाये है.

    पाच  दिनो से आयी बाढ़ ने वर्धा और शिरना नदी में पाणी भरा है। पिछले 24 घंटो मसे यह  पानी स्थिर है. यह बाढ़ का पानी ना घटा है और ना ही  बडा है. परंतु अप्पर वर्धा और लोवर वर्धा के दरवाजे फिर से खोल दिये गये. वह पानी प्रति घंटा 6 इंच बढने की जानकारी सूत्रों से मिली है साथ ही पुर नियंत्रण विभाग और प्रशासन ने बाढ़  का पानी बढ़ने की आशंका व्यक्त करते हुवे सतर्क रहने के संकेत दिए है.

    पाच दिनों से बाढ़ में डूबे दर्जनो घर डह गये है. इस पानी को देखकर लोगो रो रोकर आँसू नही रुक रहे है. बिस दिन मे यह दूसरा महापुर  है। मिट्टी के टीले ने यह दुख का पहाड बन गया है. अनाज गया घर ढह गया जो था सब चला गया  बिस दिन पूर्व की बाढ़ का अब तक कोई मुआवजा नही मिला। किसानों ने अपने अपने खेतों में बीज नही तो सोना बोया था लेकिन किसानों का सात बारा कोरा हो गया है। यह महापुर लोगो के साथ मज़ाक बना रखा है। हर तरफ  लोग बाढ़ के कारण हाहाकार और दहशत में दिखाई दे रहे है.

    लबालब भरे कुएं का पानी अचानक हुआ कम

    एक तरफ जहां सभी ओर बाढ का हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच मालडोंगरी रोड पर नागेश्वर नगर में गजानन राऊत के घर में लबालब भरे कुएं का पानी अचानक से 20 से 25 फूट नीचे चला गया. 

    ब्रम्हपुरी सहित सभी जगह जोरदार बारिश शुरू है. निरंतर बारिश के कारण शहर में सभी जगह पानी नजर आरहा है. दमदार बारिश के कारण शहर में सभी घरेलू कुएं लबालब भरे हुए है. ऐसी स्थिति है कि पानी हाथ डालकर निकाला जा सकता है. शहर में मालडोरी रोड पर नागेश्वर नगर के गजानन राऊत के घर का कुआ भी 9 अगस्त की रात तक भरा हुआ था. मात्र 10 अगस्त के तडके कुएं का पानी लगभग 20 से 25 फूट नीचे आ गया है. उसमें बुलबुले उठ रहे थे. इससे राऊत परिवार घबरा गया. उन्होने इसकी जानकारी धनंजय पोटे को दी. पोटे ने तुरंत नगर परिषद के जलापूर्ति विभाग के धनंजय हटवार को फोन कर बुलाया. इसबीच लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई थी.

    अतिवृष्टि के कारण मछुआरों का लाखों का नुकसान

    बारिश से जिले में बाढ ने कहर बरपा रखा है खेती तहस नहस हो गई है. इस बीच मछुआरों का लाखों रुपयों का आर्थिक नुकसान हुआ है. अतिवृष्टि के कारण तालाब, खेत तालाबों में डाले गए लाखों रुपयों के मत्स्यबीज बाढ में बह गए. जाल का भी नुकसान हुआ है. मछुअरों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके चलते मछुआरों पर भूखमरी की नौबत आ गई है.

    ब्रम्हपुरी तहसील में मछुआरों ने मिलकर मच्छीमार सहकारी संस्था मर्यादित चौगान संस्था की स्थापना की थी. संस्था के माध्यम से तहसील के अनेक गांव के तालाब में संस्था की ओर से मच्छीपालन किया जाता है. इसमें चौगान, मालडोंगरी, धानोली, तुकूम, जुगनाला, धामनगांव गांव का समावेश है. गत वर्ष हुई महाबाढ के कारण पहले ही मछुआरों का बड़ा नुकसान हुआ था. इसके बावजूद किसी भी तरह से मछुआरों ने कर्ज निकालकर एक महीने पूर्व तहसील के विभिन्न 9 तलाबों में मत्सयबीज डाले गए थे.

    पानी का ओवरफ्लो होने के बाद मस्त्यबीज बाढ में बह ना जाऐ इसलिए 15-15 हजार रुपये जाल लगाये गए है. परंतु 8,9 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण तालाब से बडे पैमाने पर पानी की निकासी होने से जानई तालाब चौगान एंव अन्य 9 तालाब के लाखों रुपयों का मत्स्यबीज एवं एक किलो वजन के अनेक मछलियां बह गई. 15 हजार रुपये मूल्य के नये लगाये गए जाल फटकर तालाब के 90 प्रश मछलियां बह गई. इसके चलते मछुअरों का लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है. पहले ही कर्ज लेकर डाले गए मत्स्यबीज अतिवृष्टि के कारण बह जाने से मछुआरों पर भूखमरी की नौबत आ गईहै. इसके चलते प्रशासन तुरंत पंचनामा कर मछुआरों को आर्थिक मदद करने की मांग मछुआरों सहकारी संस्था मर्यादित चौगान ने की है.

    राज्य के पूर्व आपदा प्रबंधन एवं पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार ने मछुआरों का दुख समझकर हमारी मदद करेंगे ऐसी अपेक्षा मच्छीमारी सहकारी संस्था मर्यादित चौगान ने की है. संस्था की ओर से पूर्व आपदा प्रबंधन तथा पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार, तहसीलदार ब्रम्हपुरी, खंड विकास अधिकारी ब्रम्हपुरी को निवेदन अपनी व्यथा रखीहै. इस समय संसथा के अध्यक्ष मनोहर शिवा मेश्राम, सचिव मनोहर मंसाराम सहारे, अविनाश मंसाराम सहारे, भाऊराव मेश्राम, सम्पूर्ण समाज बंधू बडी संख्या में उपस्थित थे.