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    • वनविभाग की कार्यप्रणाली से लोगों में रोष
    • बाघ के बंदोबस्त की मांग को लेकर दिया धरना

    ब्रम्हपुरी: तहसील के दक्षिण वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले हलदा ग्राम में बाघ के हमले में किसान की मौत ने यहां लोगों में दहशत निर्माण कर दी. यह घटना आज मंगलवार 14 जून को सुबह 9.30 बजे हुई. मृतक का नाम देविदास परसराम कांबली 65 है. दो दिन के भीतर यह दूसरी घटना है जिसमें बाघ ने एक व्यक्ति को अपना निवाला बनाया है. दो दिन पूर्व ही खेत मजदूर को उसकी मां और पत्नी के आंखों के सामने बाघ ने अपना शिकार बनाया था. लगातार हुई इन दो घटनाओं से गांव में जबरदस्त दहशत है. ग्रामीणों ने वनविभाग के कार्यालय में धरना देकर बाघ के बंदोबस्त की मांग की.

    हलदा निवासी देविदास परसराम कांबली 48 की जंगल से सटकर खेती है. खरीफ की तैयारी के लिए देविदास अपने खेत में गया हुआ था. झाडियों में छिपे बाघ ने मौका देख देविदास पर हमला कर दिया. देविदास के साथी  शिवराम भागो सहारे नामक व्यक्ति ने देविदास को बाघ के चंगुल से छोडने का प्रयास किया परंतु बाघ ने देविदास की गर्दन अपने जबड़ों में फंसा रखा था. कुछ ही देर में देविदास की मौत हो गई. बाघ ने देविदास का खून पीने के बाद सहारे पर भी हमला कर दिया. बाघ को नजदीक आता देख सहारे वहां से पूरी रफ्तार में गांव की ओर निकल गया जिससे उसकी जान बच गई.

    दो दिन पूर्व ही इस क्षेत्र में खेत मजदूर राजेंद्र अर्जुन कांबली पर बाघ ने हमला कर उसकी जान ले ली थी. बाघ के हमले का शिकार हुए किसान देविदास के परिवार में उसकी पत्नी, पुत्र, बहू आदि है. घर के मुखिया की बाघ के हमले में हुई मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड टूट पडा है.  मानसून निकट आने से खेती के काम की शुरूआत हुई है. ऐसे में बाघ के बढते हमलों ने किसानों में दहशत निर्माण कर दी है. किसान पेशोपेश में है कि खेती करे या भूखें मरे. बाघ के हमलों से लोगों में जबरदस्त दहशत निर्माण कर दी है.

    बाघ का बंदोबस्त करें अन्यथा वनविभाग के कार्यालय को ठोकेगे ताला

    12 जून को हलदा के खेत मजदूर राजेंद्र अर्जुन कामडी 48 की घर के सामने बाघ के हमले में मौत के सदमे से अभी लोग उभरे नहीं थे कि आज 14 जून को किसान देविदास परसराम कामडी को बाघ ने अपना निवाला बना दिए जाने से लोग जबरदस्त रोष में है. खेती का मौसम शुरू होने से खेत में कैसे जाए यह डर सभी को सता रहा है. परिसर में बाघ के हमले में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है बडी संख्या में पशुधन को बाघ ने अपना निवाला बनाया है. कई घायल हुए है. परंतु इसके बावजूद वनविभाग की ओर से इस परिसर में ग्रामीणों की प्राण रक्षा के लिए किसी तरह का कोई बंदोबस्त नहीं किया जा रहा है.वनविभाग केवल आश्वासन देकर लोगों को गुमराह कर रहा है ऐसे में लोगों का वनविभाग पर विश्वास नहीं रह गया है.

    आज की घटना से लोग इतने गुस्से मे थे कि जब तक वरिष्ठ स्तर का अधिकारी यहां पहुंचकर बाघ को पकडने का ठोस आश्वासन नहीं देता तब तक शव वही पड़ा रखने की भूमिका लोगों ने ली थी.

    कुछ देर बार वनविभाग कर्मी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे लोगों ने उन पर गुस्सा उतराना शुरू कर दिया जिससे कुछ देर के लिए तनावपूर्ण स्थिति निर्माण हो गई थी. लोगों को काफी गुस्से में देख उपवनसंरक्षक मल्होत्रा के निर्देश पर सहायक उपवनसंरक्षक चोपडे, रेंज आफिसर शेंडे ने मौके पर  पहुंचकर बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने, बाघ के हमले में मारे गए व्यक्ति के परिजनों और घायल को मदद देने , बाघ के बंदोबस्त के लिए गश्त बढाने और 100 मजदूरों की एक वर्ष से नहीं दी गई रोजी देने का मान्य किया. इसी तरह नागरिकों की 22 मांगों को वरिष्ठों से अवगत कराने का आश्वासन दिया. 

    ग्रामपंचायत में हुई बैठक में चर्चा के दौरान  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कॉ विनोद झोडगे,पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमोद चिमुरकर, काँग्रेस के नेता प्रभाकर सेलोकर,उपविभागीय अधिकारी शिंदे ,पूर्व सरपंच राजेंद्र म्हस्के,पूर्व सरपंच ईश्वर झरकर,पूर्व उपसरपंच संजू लोणारे,कालिदास इटनकर ग्रा प सदस्य ,धनराज लोणारे ग्रा प सदस्य  ज्ञानेश्वर झरकर, किसान सभा के  तालुका अध्यक्ष महेंद्र ज्ञानवडकर,बोडधा के उपसरपंच दीपक ठाकरे,भुज के उपसरपंच सुरेश ठिकारे,धनराज ठाकरे, सचिन बदन,बंडू उरकुडे समेत बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

     चर्चा में आगामी 5 दिनों में निर्णय नहीं लिया गया तो परिसर की जनता वनविभाग को ताला लगाकर ताला ठोको आंदोलन करेंगी और पालकमंत्री के ब्रम्हपुरी स्थित जनसंपर्क कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने का इशारा भारतीय कम्प्युनिस्ट पार्टी के नेता विनोद झोडगे ने दिया.