Tigress Dies

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    • नांदगांव की घटना 

    मूल. कोठारी और पोंभूर्णा वन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले मूल तहसील के नांदगांव में एक खेत में करंट लगने से वयस्क मादा बाघिन की मौत हो गई. यह घटना सोमवार 6 फरवरी की सुबह 11 बजे के करीब प्रकाश में आई. इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है.

    नांदगांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर अरुण मशारकर का 6 एकड़ का खुद का खेत है. उन्होंने यह खेत नांदगांव के पूनाजी नाहगमकर को ठेके से दिया. पुनाजी नाहगमकर पिछले 10 से 12 वर्षों से खेती कर रहे हैं और खरीफ और रबी मौसम में विभिन्न फसलें उगा रहे हैं. हमेशा की तरह पुनाजी नाहगमकर के पुत्र अंकुश सुबह 11 बजे खेत पर गया तो उसने खेत की तार की बाड़ के पास बाघिन को मृतावस्था में देखा. बाघिन को मृतावस्था में देखने पर अंकुश डर गया और उसने बाघिन पर धान तनिस डालकर उसे ढककर रखा.

    खेत में बाघिन मरने की जानकारी वन विभाग को लगते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी फणींद्र गादेवार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटना को दर्ज किया. जब वन अधिकारी ने इस बारे में पूछताछ की तो अंकुश ने बताया कि खेत में चने की फसल लगी हुई थी.

    फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए शाम को बाड में खेत के बिजली खंभे से बिजली आपूर्ति छोड कर घर वापस लौटा. बिजली के तार को छूने से करंट लगने से बाघिन की मौके पर ही मौत हो गई. अंकुश नाहगमकर ने वन अधिकारियों के सामने गुनाह कबूलने के बाद वन विभाग ने अंकुश को हिरासत में ले लिया है. वन अधिकारियों ने बताया कि बाघ के उत्तरी परीक्षण के बाद बाघ को दफनाया जाएगा. 

    बाघ को देखने के लिए स्थानीय नागरिकों की काफी भीड़ मौके पर जमा हो गई थी. जांच के दौरान नागरिकों को बाघ के पास नहीं जाने दिया जा रहा था, इस वजह से नागरिक वन प्रशासन पर रोष व्यक्त कर रहे थे. बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. इस समय मूल थाना के थानेदार सतीश सिंह राजपूत ने समुचित व्यवस्था की थी.