चंद्रपुर. राज्य महाविकास आघाडी सरकार ने शीतकालीन अधिवेशन नागपुर की बजाय मुंबई में लेने का फैसला लिया है. इस फैसले को विदर्भवादी नेताओं ने नागपुर करार का उल्लंघन और विदर्भवादियों के साथ धोखाधडी करार दिया है. क्योंकि प्रतिवर्ष शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में होता था जिसमें प्रमुखता से विदर्भ की समस्याओं पर चर्चा होती थी.
विदर्भ, मराठवाडा पर अन्याय की एक और श्रृंखला-मुनगंटीवार
पूर्व वित्तमंत्री और बल्लारपुर के विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार ने शीतकालीन अधिवेशन नागपुर की बजाय मुंबई में लेने का निर्णय लेकर विदर्भ और मराठवाडा पर अन्याय एक और श्रृंखला बढा दी है. पहले तो अधिकारियों की नियुक्ति, विदर्भ की बिजली कनेक्शन के लिए दिया जाने वाला पैसा रोकना जैसी नीति से अनयाय किया है. अब सरकार ने जो करार किया था कि एक अधिवेशन नागपुर में होगा उसका उल्लंघन है और विदर्भ के साथ बेईमानी है.
नागपुर करार का उल्लंघन-वामनराव चटप
विदर्भवादी नेता और पूर्व विधायक अधि. वामनराव चटप ने कहा कि मुंबई में शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में न लेना नागपुर करार का उल्लंघन है और विदर्भवादियों के साथ धोखाधडी है.
निर्णय का कड निषेध-प्रा. देशकर
भाजपा के पूर्व विधायक प्रा. अतुल देशकर ने कहा कि नागपुर अधिवेशन में विशेष रुप से विदर्भ और आस पास के गडचिरोली से अकोला तक की समस्याओं पर विचार मंथन किया जाता था. किंतु राज्य की उध्दव ठाकरे सरकार ने विदर्भ की समस्याओं की अनदेखी करने, विदर्भ के हित में लिए जाने वाले निर्णय को टालने, विदर्भ को मिलने निधि के कटौती करने के लिए यह अधिवेशन नागपुर की बजाय मुंबई में लेने का निर्णय लिया है. जिसका कडे शब्दों में निषेध करते है.