चेन्नई, नागपुर के कंपोस्ट डिपो से सीमेंट उद्योगों में पहुंच रहा है कचरा, ईंधन के रूप में बॉयलर में हो रहा इस्तेमाल

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    चंद्रपुर.  देश के विभिन्न शहर जैसे चेन्नई, नागपुर आदि स्थानों पर स्थित कंपोस्ट डिपो से जिले के सीमेंट उद्योगों में बिना किसी प्रक्रिया के लाखों टन कचरा पहुंच रहा है, इस कचरे का इस्तेमाल फैक्टरियों के बॉयलर में ईंधन स्वरूप उपयोग में लाया जा रहा है. सोमवार को जिले में कचरा लेकर पहुंचे ऐसे 25 ट्रकों को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम ने पकड़े. यह कार्रवाई घुग्घुस के एसीसी सीमेंट उद्योग में की गई. 

    बॉयलर में इस्तेमाल करने से रोके गए इन ट्रकों में बड़े पैमाने पर सड़ा गला कचरा, मिट्टी और कीचड़ से सने प्लास्टिक, पॉलीथिन, एक्सपायरी हुई दवाइयां, पुराना लोहा आदि के साथ साथ मरे हुए जानवर भी पाए गए. राष्ट्रवादी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र वैद्य की शिकायत पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने सोमवार को एसीसी सीमेंट को अचानक भेद दी तब वहां चेन्नई तथा नागपुर के कम्पोस्ट डिपो से भरकर यहाँ पहुंचे 2 दर्जन से अधिक ट्रक पाए गए. 

    उल्लेखनीय है कि, सीमेंट उद्योगों में बाहर से सड़ा गला कचरा लेकर ट्रक पहुंच रहे है, और उक्त कचरे को किसी प्रकार से बिना छाने तथा उस पर किसी प्रकार की कोई प्रक्रिया ना करते हुए ही बॉयलर में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पहले ही प्रदूषण के मामले में चिंताजनक स्थिति से गुजर रहे चंद्रपुर जिले में पुनः प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है, ऐसी शिकायत वैद्य समेत दिलीप पित्तलवार, सुरेश पाइकराव, महेश लड्ढा आदि ने घुग्घुस पुलिस स्टेशन में की थी.

    प्राप्त शिकायत के बाद पुलिस ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों से संपर्क किया, ततपश्चात एमपीसीबी के उप प्रादेशिक अधिकारी ए पी सातफले, क्षेत्रीय अधिकारी वी डी शुक्ला, सहायक पुलिस निरीक्षक संजय सिंह आदि ने शिकायतकर्ताओं के साथ मिलकर एसीसी सीमेंट को औचक भेंट दी. 

    इस दौरान अधिकारियों ने ट्रकों में भरे कचरे का मुआयना किया और इसे उद्योग के बायलर में इस्तेमाल करने योग्य नहीं होने की, तथा उक्त कचरे की छाननी के बाद उस पर प्रक्रिया करने के बाद ही इस्तेमाल करने के निर्देश उद्योग प्रबंधन को दिए. 

    इस संदर्भ में वैद्य ने कहा कि, जिले के उद्योग इस तरह का सड़ा गला, दुर्गंधयुक्त कचरा बॉयलर में इस्तेमाल कर अपना काम तो निपटा रहे है, लेकिन पहले ही प्रदूषित जिले में प्रदूषण को और बढ़ावा दे रहे है.  जिले में सिर्फ नागपुर ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से कचरा लाया जाना चिंताजनक है.