जंगली जानवर कर रहे धान की फसल बर्बाद, किसानों ने जानवरों के बंदोबस्त की मांग

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    सावली. तहसील के राजोली परिसर में इन दिनों जंगली जानवरों खेतों में अधिक आना शुरु हो गया है. इसकी वजह से खेतों की फसलों का भारी नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बाघ, तेंदुए और भालू जैसे प्राणियों का संचार बढने से किसानों में दहशत फैली है देर रात तक काम करने वाले किसान और खेतिहर मजदुरों को अब गोधुली की बेला पर लौटना पड रहा है. इसकी वजह से जंगली सुअरों का झुंड खेतों में घुसकर धान की फसल को भारी जमीदोंज कर रहे है. जिससे किसानों का नुकसान हो रहा है. इसलिए वनविभाग से जंगली जानवरों के बंदोबस्त की मांग की है.

    तहसील का राजोली परिसर सावली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आता है. परिसर में हिंसक बाघ, तेंदुआ, भालू के साथ पत्ती खाने वाले सांबर, चीतल, जंगली सुअर जैसे प्राणियों का मुक्त विचरण होता रहता है. सांबर, चीतल, जंगली सुअर जैसे प्राणी खेतों के बीच से अपना रास्ता बनाकर गुजरते है. इनका शिकार करने के लिए दिन में बाघ, तेंदुआ जैसे हिंसक प्राणी भी गांव में आ जाते है. तहसील अनेकों तेंदुआ और बाघ के हमले की घटनाएं हो चुकी है. इसकी वजह से किसानों में दहशत है.

    जंगली जानवरों को संरक्षण प्राप्त है इसलिए किसानों की आंखों के सामने फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे है यह सब किसानों की आंखों के सामने होने के बावजूद किसान जंगली जानवरों पर हमला नहीं कर सकते और वे विवश है. इसकी वजह से किसानों की मेहनत पर पानी फिरने की उम्मीद है. जंगली जानवरों के नुकसान करने पर इसकी सूचना मिलने पर वनविभाग के कर्मचारी खेत के नुकसान का पंचनामा करते है. जिसका अल्प मुआवजा दिया जाता है. उसे भी अनेक महीने बीत जाते है. इसलिए इस कानून में सुधार कर किसानों की फसलों की सुरक्षा की मांग की है.