चंद्रपुर. चंद्रपुर शहर को गोंड राजा की विरासत मिली है. उनके समय में, शहर की रक्षा के लिए पूरे शहर के चारों ओर एक सुरक्षात्मक दीवार बनाई गई थी और यह आज भी मौजूद है. इसमें बाहर जाने के लिए चार बड़े दरवाजे और चार छोटी खिड़कियां हैं. समय के साथ जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी, लोगों को दीवारों के अंदर और बाहर घर बनाने की अनुमति दी गई.
परंतु कुछ शर्तों के साथ बाद में इसमें समय-समय पर बदलाव होता रहा और पुरातत्व विभाग ने इन सभी घरों को नए नियम व शर्तों के अनुसार नोटिस भेजना शुरू कर दिया. पिछले कई सालों से वहां रह रहे लोगों में अचानक दहशत का माहौल है. नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र के भाई-बहनों ने तत्काल क्षेत्र के भाजपा पार्षद एड. राहुल घोटेकर, सभापति छबु वैरागडे रवि आसवानी से संपर्क किया. सभी पार्षद लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और विधायक मुनगंटीवार से मिलकर समस्या उनके समक्ष रखी.
इस विषय पर पुरातत्व विभाग के अधिकारी शिंदे ने वार्ड के सभी पार्षद व नोटिस प्राप्त करने वाले नागरिकों के साथ एक तत्काल बैठक की और पुरातत्व विभाग को निर्देश दिया कि वह अगली सूचना तक किसी भी घर को न गिराए. इस संबंध में संकेत है कि जल्द ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री के साथ बैठक लेने के संकेत विधायक मुनगंटीवार दिए. इसके बाद पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शहर में ऐसे घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और सर्वेक्षण पूरा होने तक वे उनमें से किसी को भी ध्वस्त नहीं करेंगे.
इस संदर्भ में लोगों ने विधायक सुधीर मुनगंटीवार का आभार माना. इस समय पार्षदों के अलावा शफी शेख, डा. शिराज, इकबाल शेख, रफीक शेख, एजाज शेख, आसिफ शेख, ज्ञानेश्वर बावनकर, ईशु शेख, जाकिर शेख, जमील शेख, हामिद शेख, पुनवटकर, असाद शेख, सलीम शेख, यूसुफ शेख, रमेश गजुरकर, त्रिवेदी, साबिर शेख, वानकर उपस्थित थे.