बाघ के हमले में महिला वनरक्षक की मौत, ताडोबा कोर जोन की घटना से वनविभाग में खलबली

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    चिमूर/चंद्रपुर. ताडोबा राष्ट्रीय अंधारी बाघ प्रकल्प में शुरु जंगली जानवरों की गिनती की ड्यूटी में तैनात एक महिला वनरक्षक ने बाघ ने हमला कर दिया। जिसमें महिला वनरक्षक स्वामी नाना ढामने (31) की मौत हो गई है. यह घटना आज शनिवार की सुबह 8 बजे घटी है. इस घटना से ताडोबा बाघ प्रकल्प में खलबली मची है।

    ताडोबा बाघ पर्यटन के लिए विश्वप्रसिध्द है. ताडोबा में 19 से 26 नवंबर तक जंगली जानवरों की गिनती की जा रही है. जानवरों की गिनती के लिए ट्रांजिस्ट लाईन बाने का काम ताडोबा अभयारण्य के जलस्त्रोत के पास शुरु है. कोलारा गेट के समीप कोर जोन के जलस्त्रोत क्रं. 17 के पास ट्रांजिस्ट लाईन का काम शुरु था इस दौरान आज शनिवार की सुबह 8 बजे वनरक्षक स्वामी ढोमने, सातारा गांव के मजदूर राजेश नन्नावरे, निखिल बागले और चौकीदार नागोसे के साथ ड्यूटी पर थे.

    कोलारा गेट के पास कोर जोन के जलस्त्रोत 17 की ओर जा रहे थे कि लगभग 200 मीटर दूरी पर अचानक बाघिन दिखाई दी. इसलिए वनरक्षक मजदुरों के साथ उसी जगह पर रुक गई. सामने कुछ पर्यटक बाघिन का फोटो ले रहे थे. बाघिन के मार्ग में किसी प्रकार की बाधा न आए इसके लिए वनरक्षक बाजू से निकलना चाहते थे कि अचानक घास से छलांग लगाकर बाघिन ने महिला वनरक्षक पर हमला कर दिया.

    बाघिन महिला वनरक्षक को घसीटते हुए जंगल के वनक्षेत्र क्रं. 96 में ले गई जिसमें महिला की मौत हो गई. इसके बाद बाघिन जंगल में भाग गई. जिस परिसर में यह घटना हुई वहां पर माया नाम की बाघिन को अक्सर देखा जाता है इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि महिला वनरक्षक पर हमला करने वाली माया बाघिन होगी. शव का पोस्टमार्टम चिमूर उपजिला अस्पताल में किया गया.

    मृतक महिला की 4 वर्ष की बालिका 

    मृतक महिला वनरक्षक की 4 वर्षीय पुत्री है. मृतक का शव चिमूर फारेस्ट आफिस में लाया गया. जहां शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. वहां पर उसकी पुत्री भी आई थी. मां को इस हालत में देखकर उसके आंखे नम हो गई थी. किंतु उसे कुछ ज्यादा समझ में नहीं आया है. वहां पर मृतक वनरक्षक को वनविभाग की ओर श्रध्दांजलि दी गई है. इस अवसर पर वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे.

    ताडोबा में जानवरों के हमले की 5 वीं घटना

    ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में जंगली जानवरों के हमले की यह पांचवी घटना है. जिसमें से चार की मौत हो गई और एक पशु चिकित्सक बच गए है. इसके पूर्व इसी प्रकार जानवरों की गिनती के दौरान एक बाघ ने वन मजदूर पर हमला कर दिया था जिसमें उसकी मौत हो गई थी. हाथी के हमले में महावत की मौत हो गई थी अन्य एक घटना में हाथी के हमले में  युवक  की मौत हो गई थी.

    कोरोना काल में एक हिंसक जंगली जानवर को वनविभाग के कर्मचारियों को एक बाघ अथवा तेंदुआ दो दिनों तक एक ही जगह पर पडा था उसमें  कोई हलचल न होने की सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर डा. रविकांत खेाब्रागडे अपनी टीम के साथ पहुंचे थे. किंतु उसी समय जंगली जानवर ने उन पर हमला कर दिया. जिसमें वे घायल हो गए थे किंतु उनकी जान बच गई. इसके बाद आज की आज सुबह की घटना में महिला वनरक्षक की जान चली गई है.