Youth injured in tiger attack, Hrithik's life saved by the cries of farmers

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  • बराडघाट शेतशिवार में दो माह में दूसरी घटना

चंद्रपुर. खडसंगी के पास बरदघाट शेतशिवार के पास बफर जोन वन क्षेत्र में भैंस चरा रहे युवक पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया. उक्त युवक का नाम ऋतिक गजानन तराले (उम्र 20 वर्ष) है. इलाके के कुछ लोगों के चिल्लाने पर बाघ ऋतिक को छोड़कर भाग गया. दो माह में इसी क्षेत्र में यह दूसरी घटना है. 

वह रोजाना की तरह सुबह करीब 10 बजे खडसंगी के पास बरडघाट स्थित खेत में अपनी भैंसों को चराने गया था. इस खेत के बगल में बफर जोन का जंगल है. इसी दौरान खेत के समीप वन क्षेत्र में बैठे एक बाघ ने हमला कर चरा रहे भैंसे पर हमला कर मार डाला. इस घटना को वहां मौजूद किसानों और पशुपालकों ने देखा. बाघ द्वारा मारी गई भैंस किस की है यह देख रहे थे. उसी दौरान बाघ ने भैस को छोडकर अन्य लोगों पर छलांग लगायी.

इस समय एक महीला पर छलांग लगायी. वह महीला वहां से हटते ही बाघ ने भैंस चरा रहे युवक ऋतिक तराले पर हमला कर दिया. लोगों के चिल्लाने से ऋतिक की जान बाल-बाल बची. बाघ द्वारा ऋतिक का पैर नोचने से ऋतिक गंभीर रूप से घायल हो गया.  इसी दौरान कुछ युवक ऋतिक को बरडघाट ले आए. उसके बाद उसे तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़संगी में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. ऋतिक को प्राथमिक उपचार दिया गया और आगे के इलाज के लिए चिमूर के उपजिला अस्पताल भेजा गया. हालाँकि, उपजिला अस्पताल चिमूर में इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने के कारण, उन्हें चंद्रपुर जिला अस्पताल भेजा गया. 

बाघ का तुरंत बंदोबस्त करे

दो माह से भी कम समय के बाद बराडघाट के शेतशिवार वन क्षेत्र में मटकासुर बाघ का खौफ फिर से दिखने लगा है. इस दौरान गांव के पास के किसान घबरा गए और खेत से गांव की ओर भागे. फिलहाल अभी खेती का सीजन शुरू ही हुआ है और खेतों में इस समय जुताई और निराई जैसे काम चल रहे हैं. हालांकि बाघ के इस हमले से अब कृषि कार्य करना मुश्किल हो रहा है. वन विभाग को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाघ का तत्काल बंदोबस्त करने की मांग की है.

प्रमोद श्रीरामे (पूर्व उप सरपंच खडसंगी, बरडघाट)

वन अधिकारी मौके पर पहुंचे

युवकों पर बाघ द्वारा हमला किए जाने की जानकारी होते ही बफर जोन के वन परिक्षेत्र अधिकारी खडसंगी के किरण धानकुटे अपने कर्मचारियों सहित मौके पर पहुंच गए. एक बचाव अभियान चलाया जा रहा है. नागरिकों को वन क्षेत्र के पास के खेतों में समूहों में काम करने की जानकारी दी जा रही है. नागरिकों को घबराना नहीं चाहिए. वन विभाग गांव के लोगों के साथ होने की जानकारी दी गई. 

पानी के लिए जंगली जानवर गांव में 

अभी पारा 44 डिग्री पर है. इंसानों के साथ-साथ जंगली जानवरों का जीवन भी प्रभावित हो रहा है और चूंकि जंगल का इलाका खेत और गांव से सटा हुआ है, इसलिए जंगली जानवर पानी की तलाश में गांव के पास आ रहे हैं. ऐसे में अब ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है.