
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ‘सरकारी मराठी’ भाषा के सरलीकरण पर काम कर रही है, जो कई बार समझ से परे होती है। गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला नव वर्ष) के अवसर पर मराठी भाषा भवन (Marathi Bhasha Bhavan) के मुख्य केंद्र के शिलान्यास के दौरान उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज अपने प्रशासन में मराठी के उपयोग के इच्छुक थे।
ठाकरे ने कहा कि मुंबई को अपने राज्य की राजधानी बनाने के लिए महाराष्ट्र के लोगों को ”लड़ना और खून बहाना” पड़ा। उन्होंने कहा, ”जो लोग इतिहास भूल जाते हैं उनका कोई भविष्य नहीं होता।” मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि आधिकारिक संचार में इस्तेमाल होने वाले कई मराठी शब्दों को समझना मुश्किल है।
मराठी भाषा भवनाच्या कामाचा शुभारंभ pic.twitter.com/OX24VfkUxF
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 2, 2022
उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार इसे सरल बनाने पर काम कर रही है। छत्रपति शिवाजी महाराज चाहते थे कि हमारी अपनी भाषा शासन का माध्यम बने।” ठाकरे ने कहा, ”अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी है। मुझे अन्य भाषाओं से नफरत नहीं है, लेकिन मैं मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा। अन्य भाषाओं से घृणा करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अन्य भाषाओं द्वारा भी अतिक्रमण नहीं किया जाना चाहिए।”
ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार कर्नाटक में मराठी भाषी आबादी के खिलाफ ”अत्याचार” बर्दाश्त नहीं करेगी, जिसके साथ महाराष्ट्र का लंबे समय से सीमा विवाद है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के स्कूलों में मराठी का अध्ययन अनिवार्य करना या दुकानों व व्यवसायों के लिए मराठी संकेतों को अनिवार्य करना अत्याचार की श्रेणी में नहीं आता है।