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मुंबई: नये संसद भवन (new Parliament House) के उद्घाटन का बहिष्कार (boycott the inauguration) करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले को बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। और कहा कि राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए। इसी बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने भी विपक्ष पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि लोकशाही (democracy) के पवित्र मंदिर का काम तय समय सीमा में हो रहा है यह गर्व और गौरव की बात है। पीएम मोदी ने जो इसकी शुरुआत 2019 में की थी। और 2023 में इसका लोकार्पण हो रहा है। 

सीएम शिंदे ने आगे कहा कि यह लोकशाही का पवित्र मंदिर है। इसमें सभी लोगों को सहयोग करना चाहिए लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिनको विघ्न लाना है, जानबूझकर मोदी जी के हर काम का विरोध करना है।  लेकिन लोकशाही में देश की जनता समझदार है। और जिनका ये पेट दर्द हो रहा है इसका इलाज जनता ही करेगी।  हमारे देश का नाम रौशन करने का काम पीएम मोदी ने किया है। इससे सब डर गए हैं। एक मोदी सबपर भारी, ऐसी बात हो गई है।  इसलिए सब इकट्ठा हो रहे हैं। सब विरोध कर रहे हैं लेकिन लेकिन ये जनता उनको मुंहतोड़ जवाब देगी।   

बता दें कि 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ था। वहीं इस खुबसूरत संसद भवन के नए परिसर के निर्माण में 861 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था लेकिन बाद में इसके निर्माण में करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। हालांकि अब संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन को लेकर राजनीति प्रबल है। दरअसल विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति से नए संसद भवन परिसर का उद्घाटन कराने की पुरजोर मांग कर रही हैं।जिसके चलते अब 20 विपक्षी दलों ने संसद भवन के नए परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का बहिष्कार किया है।