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उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे

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    मुंबई: दशहरे के मौके पर मुंबई में शिवसेना की दो अलग-अलग जगहों पर रैली आयोजित की गई हैं। शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे गुट की रैली है। जबकि बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एकनाथ शिंदे गुट की रैली है। दोनों ही तरफ से लाखों कार्यकर्ताओं को मुंबई लाया जा रहा है। वहीं, कई ठिकानों पर मुंबई की ओर आते वक्त दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं में झड़पें भी हुई। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिंदी के प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन की कुछ पंक्तियां ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। 

    सीएम शिंदे ने ट्वीट करते हुए यह याद दिलाया कि, उत्तराधिकारी होने के लिए बेटा होना जरूरी नहीं है। जो विचारों का सही उत्तराधिकारी हो सकता है। इस ट्वीट से ऐसा प्रतीत होता है कि, इस ट्वीट से यह बताना चाह रहे हैं कि बालासाहेब ठाकरे के विचारों के उत्तराधिकारी वही हैं और उनका गुट ही हिंदुत्व का सही मायने में हक़दार है। उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे की संतान तो हो सकते हैं लेकिन शिवसेना की विरासत के हकदार नहीं। 

    विचारों की विरासत के हकदार

    मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने ट्वीट में हिंदी के प्रख्यात कवी हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियां लिखी हैं, “मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे, वो मेरे बेटे होंगे।” इसके बाद उन्होंने हैसटैग के साथ मराठी में लिखा- ‘विचारांचेवारसदार’ (विचारों की विरासत के हकदार) शिवसेना की दशहरा रैली से पहले एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर यह याद दिलाया कि, शिवसेना के हिंदुत्व को आगे ले जाने वाले असली हक़दार वे है ना कि उद्धव ठाकरे। 

    मैं अपनी पार्टी को BJP का गुलाम नहीं होने दूंगा

    उद्धव गुट भी लाक्षणिकता से मार करने में कहां पीछे रहने वाला है। शिवाजी पार्क की दशहरा रैली के लिए जो मंच बनाया गया है, उस मंच के सामने यह लिखा गया है- ‘मी माझ्या शिवसेनेला भाजपाचा गुलाम होऊ देणार नाही।’ जिसका मतलब है, मैं अपनी शिवसेना को बीजेपी का गुलाम नहीं होने दूंगा। इससे साफ हो रहा है कि, रैली से पहले रण का माहौल बनता जा रहा है। जहां, दोनों ही गुट अपने-अपने तेवर दिखाते नजर आ रहे है।