देवन्द्र फडणवीस का महाराष्ट्र सरकार पर बड़ा हमला, कहा- ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण की हत्या

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    • ओबीसी आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार फेल

    नागपुर: मध्य प्रदेश सरकार ने इम्पीरिकल डेटा एकत्र किया और प्रस्तुत किया। शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह उनसे निर्वाचन क्षेत्र के अनुसार सही आंकड़े उपलब्ध कराने को कहा था। उन्होंने आज पेश किया। इस रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की अनुमति दी। हम महाराष्ट्र सरकार को दो साल से इंपीरियल डेटा इकट्ठा करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन पहले उन्होंने केंद्र सरकार पर उंगली उठाई। फिर आयोग का गठन किया गया। उन्हें भुगतान नहीं किया गया। तत्पश्चात थातूरमातूर रिपोर्ट तैयार की गई। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस तरह की रिपोर्ट पेश कर कोर्ट की महाराष्ट्र की हंसी कराई।

    महाराष्ट्र सरकार फेल है

    उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण की हत्या कर दी। आखिरी ऑर्डर महाराष्ट्र और फिर मध्य प्रदेश का था। मध्य प्रदेश ने प्रत्येक जिले में स्थानीय निकायों से शाही डेटा एकत्र करने के लिए एक आयोग नियुक्त किया। इसलिए उन्हें अनुमति मिल गई है। लेकिन महाराष्ट्र में सिर्फ राजनीति हुई। मंत्री ने बोलना जारी रखा। मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए महाराष्ट्र का शाही डेटा अभी तैयार नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट की बात कही थी। हम तब गलत कह रहे थे। उन्होंने कहा कि अब उनकी आंखों में झनझनाहट हो रही है। डेढ़ साल पहले ट्रिपल टेस्ट करना संभव होता। यह महाराष्ट्र सरकार और ओबीसी विरोधी नीति की विफलता है। महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण खत्म किया।

    जिम्मेदार लोगों को इस्तीफा देना चाहिए

    देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस सरकार में जिम्मेदार व्यक्तियों को इस्तीफा दे देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसला सभी राज्यों को स्वीकार्य है। लेकिन उसके लिए ट्रिपल टेस्ट की जरूरत थी। शाही डेटा एकत्र किया जाना था। लेकिन सरकार ने जो नहीं किया वह राज्य सरकार की नाकामी है। उन्होंने चेतावनी दी कि वह सड़कों पर उतरेंगे और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे। इस सरकार पर दबाव है। वे ओबीसी को आरक्षण नहीं देना चाहते। इस सरकार की नकारात्मकता के कारण ओबीसी आरक्षण समाप्त हो गया? उन्होंने कहा, ‘हम इस सरकार को तब तक चुप नहीं बैठने देंगे, जब तक कि इम्पीरिकल डेटा सुप्रीम कोर्ट में जमा नहीं कर दिया जाता।

    मध्य प्रदेश की जनता को मिला हक़

    वहीं इस मामले पर ओबीसी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, ओबीसी आरक्षण के मामले में मध्य प्रदेश सरकार जो कर सकती थी वह किया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार नहीं कर सकी। आज मध्य प्रदेश में ओबीसी को उनका हक मिल गया है। उनके राज्य में ओबीसी भाई दुखी हैं कि महाविकास अघाड़ी की गलत नीतियों के कारण उन्हें न्याय के अधिकार से वंचित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आयोग को इंपीरियल डेटा का ट्रिपल टेस्ट करने का निर्देश दिया था। जिसे राज्य सरकार ने नहीं किया।