नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ विधानपरिषद के चुनाव (MLC Election) परिणाम ले बाद से ही जैसे महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। वहीँ दूसरी तरफ चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना (Shivsena) के कद्दावर और वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पार्टी के कई विधायकों के साथ अब बागी बन चुके हैं। यही नहीं वे अपने 40 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत और फिर गुवाहाटी भी पहुंच चुके हैं और अब अपनी ही पार्टी के विरुद्ध सियासी मजबूती का दावा ठोक रहे हैं।
#WATCH | A group of Maharashtra MLAs arrives at Radisson Blu Hotel in Guwahati, Assam. Shiv Sena leader Eknath Shinde, upon arrival in Guwahati, said that 40 Shiv Sena MLAs are present here.
Shinde & some other MLAs were unreachable after suspected cross-voting in MLC polls. pic.twitter.com/Fxdd4d5nlC
— ANI (@ANI) June 22, 2022
गुवाहाटी का रैडिसन ब्लू बना ठिकाना
वहीं गुवाहाटी हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र के विधायकों के आगमन से पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा आज सुबह गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल का दौरा किया। बता दें की इस होटल में एकनाथ शिंदे के सभी विधायक ठहरे हुए हैं।
क्या गिरेगी उद्धव सरकार
अब शिंदे का यही दावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी बन चूका है। इस बीच अब आज महाराष्ट्र कैबिनेट की अहम बैठक होगी। जिसमें अब यह भी तय हो जाएगा कि क्या CM उद्धव की कुर्सी बचेगी या उनकी सरकार गिर जाएगी। हालांकि इस बाबत खुद शिंदे का कहना है कि वो शिवसेना के सच्चे नेता हैं और सत्ता के लिए कभी भी पार्टी को धोखा नहीं देंगे।
Before the arrival of Maharashtra MLAs at Guwahati airport, Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma visited Radisson Blu hotel in Guwahati, today morning. The MLAs are staying at this hotel.
— ANI (@ANI) June 22, 2022
अपनी बात पर अड़े शिंदे
गौरतलब है कि कल शिंदे के बागी रुख को देखते हुए CM उद्धव ठाकरे ने उन्हें मानाने के लिए अपने दो विधायक रवि फाटक और मिलिंद नार्वेकर को सूरत भेजा था। जहां नार्वेकर ने शिंदे के साथ लंबी बातचीत की थी। इतना ही नहीं नार्वेकर ने खुद फोन पर CM उद्धव से शिंदे की बातचीत कराई थी। लेकिन कतिपय सूत्रों का कहना था कि करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में खुद CM उद्धव ने मुंबई आकर शिंदे को बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। पर, शिंदे यहां BJP से गठबंधन पर अड़े रहे। यह भी कहा गया कि, पहले CM उद्धव अपना रुख स्पष्ट करें और अगर गठबंधन पर राजी हैं तो यह पार्टी टूटेगी नहीं।
समझे आंकड़ों का खेल
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, ऐसे में अगर देखें तो यहां सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरुरत पड़ेगी। वहीं शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए अब 144 विधायक चाहिए। बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी (MVA) के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था, जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं। ऐसे में देखा जाए तो एकनाथ शिंदे के 40 विधायक हवा का रुख कहीं भी पलट सकते हैं।