मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में राजनीतिक उठापटक जारी है। बागी शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने डिप्टी स्पीकर द्वारा महाराष्ट्र के बागी विधायकों (Rebel MLAs) के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया। याचिका में शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना के विधायक नेता के रूप में नियुक्त करने को भी चुनौती दी गई है। शिंदे की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ सुनवाई करेगी।
वहीं, एकनाथ शिंदे द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में बागी विधायक भरतशेत गोगावले ने कहा कि, “सीएम उद्धव ठाकरे ने 2.5 साल में उन शिवसेना विधायकों के साथ बैठक नहीं की, जो 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसके विपरीत राज्य के डिप्टी सीएम ने 2019 के विधानसभा चुनाव हारने वाले एनसीपी उम्मीदवारों को धन दिया।”
"CM Uddhav Thackeray didn't hold a meeting in 2.5 yrs with those Shiv Sena MLAs who lost Assembly polls in 2019. On contrary, state's Deputy CM gave funds to NCP candidates who lost 2019 Assembly elections" said rebel MLA Bharatshet Gogawale in video tweeted by Eknath Shinde pic.twitter.com/F9llDweiV0
— ANI (@ANI) June 26, 2022
इससे पहले, महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि 20 मई को सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को फोन किया और उनसे सीएम बनने के लिए कहा। उस समय उन्होंने ड्रामा किया और रोने लगे। ठीक एक महीने बाद उन्होंने विद्रोह कर दिया। शिंदे गुट ने जो किया, वह विद्रोह नहीं है, यह अलगाववाद है। उन्होंने यह सब करने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे की तबीयत का अनुचित फायदा उठाया।