Surendra Gadling
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मुंबई: एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने बुधवार को अपनी जमानत अर्जी पर दलील देने के लिए बंबई उच्च न्यायालय में खुद पक्ष रखने के वास्ते व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति पी डी नाइक की खंडपीठ ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिवक्ता संदेश पाटिल को निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी से पता लगाएं और बताएं कि क्या इसकी अनुमति दी जा सकती है।

गाडलिंग ने विधिक सहायता प्रकोष्ठ के अधिवक्ता यशोदीप देशमुख के माध्यम से नैसर्गिक जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।याचिका दाखिल किये जाने के बाद अदालत को गाडलिंग का एक पत्र मिला, जिसमें अनुरोध किया गया है कि उन्हें उनका पक्ष रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने की अनुमति दी जाए।

गाडलिंग ने अपने पत्र में लिखा कि आरोपपत्र भारी-भरकम और करीब 30,000 पन्नों का होने के कारण वकील के लिए मामले में जानकारी देना मुश्किल होगा। अदालत ने कहा है कि पत्र पर आदेश जारी करने से पहले एनआईए की राय जानना ठीक होगा। गाडलिंग को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से जेल में हैं। (एजेंसी)