मुंबई: मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत (Court) ने शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह (Param Bir Singh) को उपनगरीय गोरेगांव में जबरन वसूली के एक मामले में ‘भगोड़ा’ घोषित करने का अपना आदेश बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस बी भाजीपाले ने 17 नवंबर को सिंह को भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी किया था। हालांकि, सिंह के पिछले हफ्ते अदालत में पेश होने के बाद उनके वकील ने एक आवेदन दिया जिसमें उद्घोषणा आदेश को रद्द करने की अपील की गई थी।
Maharashtra | Esplanade Court in Mumbai cancels former police commissioner Param Bir Singh's proclamation offender order.
He was declared absconder on November 17
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— ANI (@ANI) December 2, 2021
सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 82 के तहत यदि किसी आरोपी के खिलाफ जारी वारंट पर अमल नहीं होता तो अदालत एक उद्घोषणा प्रकाशित कर सकती है, जिसके तहत आरोपी को पेश होने की आवश्यकता होती है। इस मामले के आरोपियों में पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे, विनय सिंह और रियाज भाटी शामिल हैं।
यह मामला बिमल अग्रवाल की शिकायत से संबंधित है। इस शिकायत के अनुसार आरोपी ने दो बार और रेस्तरां पर छापेमारी नहीं करने के लिए उससे 9 लाख रुपये की उगाही की और अपने लिए लगभग 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए मजबूर किया। शिकायतकर्ता के अनुसार वह साझेदारी में इन प्रतिष्ठानों को चलाता था।
पुलिस ने पहले बताया था कि घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई। इसके बाद छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 385, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।