Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh did not appear before ACB, was issued summons in extortion case
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    मुंबई. मुंबई की एक अदालत (Mumbai Court) ने मंगलवार को कथित वसूली के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को सात दिन के लिए महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) (CID) की हिरासत में भेज दिया। इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी आरोपी हैं। विशेष सरकार वकील शेखर जगताप ने गिरफ्तार अधिकारियों की हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि सिंह ने मुंबई पुलिस की ‘खराब छवि’ बनाई। सीआईडी ने इस मामले में सिंह के विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी करने की भी मांग की। अदालत बुधवार को अपना आदेश जारी कर सकती है। जगताप ने कहा कि परमबीर के ‘कारनामे’ से मुंबई पुलिस एवं अन्य की खराब छवि बनी है।

    अदालतें पहले ही वसूली के दो अन्य मामलों में सिंह के खिलाफ वारंट जारी कर चुकी है। उनमें एक मामला मुंबई में और दूसरा ठाणे में दर्ज है। पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाले और निरीक्षक आशा कोरके को यहां मैरीन ड्राइव थाने में दर्ज किये गये वसूली के मामले में मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिन मजिस्ट्रेट आर एम नर्लिकर के सामने पेश किया गया। ये दोनों पहले मुंबई की अपराध शाखा में तैनात थे। गोपाले फिलहाल खंडाला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र और कोरके नायगांव स्थानीय हथियार इकाई में पदस्थापित हैं।

    न्यायाधीश ने दलीलें सुनने के बाद इन दोनों को सात दिनों के लिए सीआईडी हिरासत में भेज दिया। ये दोनों संपत्ति कारोबारी (रीयल एस्टेट डेवलपर) श्यामसुंदर अग्रवाल की शिकायत के आधार पर सोमवार को गिरफ्तार किये गये थे। अग्रवाल ने 22 जुलाई को मरीन ड्राइव थाने में वसूली की शिकायत दर्ज करायी थी।

    दोनों की हिरासत की मांग करते हुए सीआईडी ने कहा कि उन्होंने अपराध में सक्रिय भूमिका निभायी तथा अब वह उनके अन्य आरोपियों से संबंध तथा वित्तीय लेन-देन के बारे में जांच करना चाहती है। उसने कहा कि जो धनराशि वसूली गयी थी, वह अबतक बरामद नहीं हुई है और वह आरोपियों का गवाहों के साथ आमना-सामना कराना चाहती है। गोपाले के वकील अनिकेत निगम ने हिरासत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने जांच में सहयोग किया और वह चार बार जांचकताओं के सामने पेश हुआ।

    निगम ने कहा कि गोपाले को अपनी सेवा के दौरान वाहवाही मिल चुकी है और उन्होंने कई मामले सुलझाये हैं। कोरके के वकील राहुल आरोटे ने कहा कि उनकी मुवक्किल का ‘बेदाग करियर’ रहा है और उनके विरूद्ध कोई सबूत नहीं है। प्राथमिकी में परमबीर सिंह एवं सात अन्य के नाम हैं जिनमें पांच पुलिस अधिकारी हैं। उसमें कोरके और गोपाले के अलावा डीसीपी (अपराध शाखा) अकबर पठान, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत शिंदे और एसीपी संजय पाटिल के नाम हैं।

    पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान अग्रवाल के पूर्व व्यापारिक साझेदार संजय पूनामिया एवं उनके सहयोगी सुनील जैन को गिरफ्तार किया था। सीआईडी को अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर छोटा शकील के साथ कथित संबंध को लेकर अग्रवाल के विरूद्ध जुहू थाने में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज किये गये मामले की जांच का जिम्मा भी सौंपा गया है। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि इस ‘झूठे’ मामले के आधार पर परमबीर सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारियों ने उसके पूर्व व्यापारिक साझेदार संजय पूनामिया के इशारे पर उससे वसूली की। (एजेंसी)