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Representative Photo/Social Media

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मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है। वहीं बुधवार को गुड़ी पड़वा के दिन राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) के क्षेत्र संभाजीनग (Sambhajinagar) में एक किसान ने फांसी लगा कर जान दे दी, जबकि उनकी पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली। आत्महत्या करने वाले किसान दंपत्ति का नाम संदीप आलेकर और लताबाई आलेकर है। खास बात यह है कि आत्महत्या करने वाला किसान दंपति कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के विधानसभा क्षेत्र सोयगांव के महालबदा गांव (Mahalbada Village) का रहने वाला है। 

ऐसी रिपोर्ट है कि 3 से 12 मार्च के बीच सिल्लोड में दो किसान  आत्महत्या कर चुके हैं। इसी अवधि के दौरान मराठवाड़ा (Marathwada) क्षेत्र के औरंगाबाद जिले में कम से कम छह किसानों द्वारा आत्महत्या की खबर है।

आत्महत्या करना कोई नई बात नहीं

हाल ही में कृषि मंत्री सत्तार से उनके चुनाव क्षेत्र में किसानों की बढ़ रही आत्महत्या पर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या करना कोई नई बात नहीं है। ऐसी घटनाएं पिछले कई वर्षों से हो रही हैं। सत्तार के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र  विधान मंडल के चल रहे बजट सत्र के दौरान भी काफी हंगामा हुआ था। विपक्षी दलों ने सत्तार के इस्तीफे की मांग को लेकर जम कर हंगामा किया था। विपक्षी दलों का कहना है कि इस तरह के गैर जिम्मेदार बयान देने के लिए सत्तार को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाना चाहिए। 

25 तक पंचनामा, बाद में मदद की घोषणा

इन विवादों के बीच कृषि मंत्री सत्तार ने कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान के पंचनामे का काम 25 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद किसानों के लिए तुरंत आर्थिक मदद की घोषणा की जाएगी। उन्होंने विश्वास दिलाया है कि एक भी किसान को मदद से वंचित नहीं रखा जाएगा।

कृषि मंत्री को रात में ज्यादा दिखाई देता है

कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार खुद कई जिलों में जाकर किसानों को हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं। वहीं रात में दौरा करने को लेकर विपक्ष ने कृषि मंत्री पर जोरदार तंज कसा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि कृषि मंत्री को रात में ही ज्यादा दिखाई देता है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि हम सभी भाग्यशाली है कि रात में ज्यादा देखने वाले नेता हमारे राज्य के कृषि मंत्री हैं। सत्तार का दौरा पूरी तरह से हास्यापद है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि किसानों को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार पूरी तरह से लापरवाह है। उन्होंने कहा कि अभी तक पंचनामा का काम पूरा नहीं हुआ। किसान बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन यह सरकार कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है।