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    गड़चिरोली. रविवार को गड़चिरोली जिला मुख्यालय समीपस्थ वाकड़ी गांव के जंगल में एक तेंदूआ मृत अवस्था में मिला था. वनविभाग द्वारा पंचनामा करने के बाद बाघ और तेंदूए के बीच लढ़ाई होने के बाद तेंदूए की मृत्यु होने की बात स्पष्ट हुई. विशेषत: इस लढ़ाई में बाघ भी घायल हो गया. ऐसे में घायल हुआ बाघ इस क्षेत्र के लोग व पशुओं को क्षति न पहुंचाए, इसलिये वनविभाग ने उक्त जंगल क्षेत्र में करीब 10 टै्रप कैमेरे लगाए है. वहीं वनकर्मचारियों की एक टिम गस्त कर रही है. ऐसे में वनविभाग द्वारा उक्त जंगल क्षेत्र में लोगों को न जाने की अपिल की है. संबंधित जंगल में लगाए गए 10 ट्रैप कैमेरों से बाघ पर नजर रखी जाएगी. ऐसी जानकारी वनविभाग से मिली है.

    खेतों में जाने से कतरा रहे लोग 

    वर्तमान स्थिति में खरीप सत्र शुरू होकर खेतीकार्य में तेजी आ गयी है. जिसके कारण किसान व खेतीहर मजदूर खेतीकार्य करने के लिये अपने-अपने खेतों में जा रहे है. लेकिन दुसरी ओर वड़सा वनविभाग के आरमोरी तहसील और गड़चिरोली वनविभाग के गड़चिरोली तहसील में बाघ की दहशत होने के कारण किसान व खेतीहर मजदूर अब खेतों में जाने से कतरा रहे है. ऐसे में वाकड़ी में घटी घटना के बाद वनविभाग ने संबंधित जंगल क्षेत्र में लोगों को न जाने की अपिल की है. ऐसे में अनेक किसानों के खेत जंगल से सटे होने के कारण और इस क्षेत्र में घायल बाघ होने से किसान दूविधा में पड़ गये है. 

    पोर्ला और गड़चिरोली में दो बाघों की दहशत 

    वड़सा वनविभाग अंतर्गत आनेवाले पोर्ला वनपरिक्षेत्र में नरभक्षी बाघ ने दहशत मचा रही है. रविवार को ही एक व्यक्ति को अपना निवाला बनाया है. जिसके कारण इस क्षेत्र में नरभक्षी बाघ की दहशत है. वहीं दुसरी ओर गड़चिरोली तहसील के जंगल में भी और एक बाघ है, जो रविवार को वाकड़ी के जंगल में तेंदुए के साथ हुई लढ़ाई में घायल हो गया है. बताया जा रहा है कि, पोर्ला क्षेत्र के बाघ को सीटी-1 ऐसा नाम वनविभाग द्वारा दिया गया है. लेकिन गड़चिरोली तहसील में दहशत मचाने वाला बाघ अब तक वनविभाग के नजर में नहीं आया है. ऐसी जानकारी मिली है. 

    वनविभाग है सतर्क:  डा. मानकर

    गड़चिरोली वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक डा. किशोर मानकर ने बताया कि, पोर्ला वनपरिक्षेत्र और गड़चिरोली तहसील में दो अलग-अलग बाघों का विचरण है. वनविभाग द्वारा ट्रैप कैमेरों की सहायता से बाघों पर नजर रखा जा रहा है. वाकड़ी में घटना उजागर होने के बाद इस क्षेत्र में 10 ट्रैप कैमेरे लगाए गए है. साथ ही उक्त जंगल में न जाने की अपिल स्थानीय लोगों से की गई है. इस मामले को लेकर वनविभाग सतर्क होने की बात उन्होंने कही.