गुस्साए किसानों ने दी आरएफओ कार्यालय पर दस्तक, नरभक्षी बाघ को पकडऩे की मांग को लेकर हुए आक्रमक

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    आरमोरी. आरमोरी तहसील में नरभक्षी बाघ ने दो दिनों में दो किसानों पर हमला किया. जिसमें दोनों किसानों की मृत्यु हो गयी. मृतकों में तहसील के अरसोड़ा गांव निवासी महिला किसान नलुबाई जागले और आरमोरी निवासी नंदु मेश्राम का समावेश है. इस घटना से संपूर्ण तहसील में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है.

    एक तरफ नरभक्षी बाघ को पकडऩे के लिये वनविभाग द्वारा शार्पशुटर की टिमे बुलाने के बाद भी वनविभाग बाघ को पकडऩे में सफल नहीं हो रहा है. वहीं दुसरी ओर नरभक्षी बाघ आए दिन लोगों को अपना निवाला बना रहा है. जिससे गुस्साए तहसील के किसानों ने रविवार को आरमोरी के वनपरिक्षेत्राधिकारी कार्यालय पर दस्तक देकर नरभक्षी बाघ को पकडऩे की मांग को लेकर आक्रमक हुए थे.

    इस समय देसाईगंज के सहायक वनसंरक्षक धनंजय वायभासे को ज्ञापन सौंपा गया. इस समय तहसीलदार कल्याणकुार डहाट, उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रणील गिल्डा, थानेदार मनोज कालबांधे, आरमोरी के वनपरिक्षेत्राधिकारी अविनाश मेश्राम आदि उपस्थित थे. वहीं आंदोलनकर्ताओं में भारतीय किसान संघ के अमोल मारकवार, रयत किसान संगठन के दिलीप घोडाम, रामदास जराते, संदिप ठाकुर, देवानंद दुमाणे, शिवसेना के तहसीलप्रमुख महेंद्र शेंड़े, पार्षद मिलिंद खोब्रागड़े, प्रहार के निखिल धार्मिक, मनसे के रणजीत बनकर, बापु तिजारे, युवारंग के राहुल जुआरे, प्रफुल खापरे समेत बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के पदाधिकारी व किसान उपस्थित थे. 

    इन मांगों का है समावेश

    रविवार को दोपहर के समय आरमोरी बर्डी टी-पाईंट से किसानों का मोर्चा निकलकर वनपरिक्षेत्राधिकारी कार्यालय पर पहुंचा. जहां पर वनाधिकारियों से नरभक्षी बाघ का बंदोबस्त करने की मांग करते हुए उन्हें मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. जिनमें नरभक्षी बाघ को तत्काल पकडऩे, बाघ के हमले में हुए लोगों के परिजनों को 50 लाख वित्तीय सहायता देने, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, जीन किसानों के खेतों में बाघ के हमले होने की संभावना है, ऐसे किसानों को वार्षिक 30 हजार रूपये मदद देने, जंगल से सटे खेतों पर तार का संरक्षण दिवार लगाने, जंगल में बसे गांवों का पुनर्वसन करने, संबंधित गांवों के युवाओं को शहरों में रोजगार उपलब्ध करा देने आदि मांगों का समावेश है. 

    बाघ की दहशत से खेतीकार्य प्रभावित

    आंदोलनकर्ताओं ने कहां कि, आरमोरी तहसील के विभिन्न गावों में बाघ की दहशत निर्माण हो गयी है. ऐसे में 13 और 14 मई को दो दिनों में बाघ ने दो किसानों की जान लेने से परिसर के नागरिक पुरी तरह भयभित हो गये  है. बाघ के दहशत के चलते किसान खेतों पर  जाना छोड़ दिये. जिसका नतिजा खेतीकार्य पुरी तरह प्रभावित हो गये है. जिससे ऐसे स्थिति में किसानों को वनविभाग व सरकार द्वारा वित्तीय सहायता करने की बात भी इस समय की गई.

    वनविभाग के दल जंगल में तैनात: वायभसे

    सहायक वनसंरक्षक धनंजय वायभसे ने कहां कि, किसानों का नुकसान न हो, और उनके संरक्षण के लिये वनविभाग द्वारा में जंगल में 10-10 कर्मचरियों के दल जंगल में तैनात किए गए है. संबंधित दल तड़के 5 बजे से रात 9 बजे तक तैनात रहेंगे. वहीं बाघ का बंदोबस्त करने के लिये शार्पसुटर  की टिम भी आरमोरी में दाखिल हुई है. आगामी 4-5 दिनों से नरभक्षी बाघ पकड़ा जाएगा., ऐसा आश्वासन उन्होंने दिया है.