शहर में भाजपा, राकां सड़क पर; अगल-बगल शुरू आंदोलन बना आकर्षण का केंद्रबिंदु

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    गड़चिरोली. स्थानीय स्वराज्य संस्था में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग को लेकर भाजपा तो पेट्रोल-डिजल समेत महंगाई को लेकर राकांपा ने सोमवार को स्थानीय इंदिरा गांधी चौक में एक दिवसीय धरना आंदोलन किया गया. जिसमें भाजपा ने महाविकास आघाड़ी तो राकां ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए एक-दुसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिये. विशेषत: दोनों आंदोलन अगल-बगल शुरू होने के कारण यह आंदोलन शहरवासियों के लिये आकर्षण का केंद्रबिंदु साबित हुए. 

    भाजपा ने किया राज्य सरकार का निषेध 

    स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में ओबीसी समाज को आरक्षण मिलना चाहिए, इस मुख्य मांग को लेकर भाजपा की ओर से एक दिवसी उपोषण किया गया. मध्यप्रदेश सरकार जो कर पायी, वह महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं कर सकी, ऐसा सवाल करते हुए राज्य सरकार का निषेध किया गया. जबतक ओबीसी समाज को न्याय नहीं मिलता तबतक आंदोलन शुरू रखने की चेतावनी भाजपा के वरीष्ठ नेताओं ने दी. इस समय सांसद अशोक नेते के नेतृत्व में मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया.

    इस समय वरीष्ठ नेते बाबूराव कोहले, जिला महामंत्री गोविंद सारडा, प्रशांत वाघरे, प्रमोद पिपरे, ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुनिल पारधी, पूर्व जिप सभापति प्रा. रमेश बारसागडे, वरीष्ठ नेते रमेश भूरसे, स्वप्नील वरघंटे, पूर्व नगराध्यक्ष योगिता पिपरे, सदानंद कुथे, रेखा डोलस, भास्कर बुरे, मुक्तेश्वर काटवे, पूर्व नप उपाध्यक्ष अनिल कुनघाडकर, केशव निंबोड, विनोद देवोजवार, प्रणय खुणे, अनिल पोहनकर, मधुकर भांडेकर, पूर्व पंस उपाध्यक्ष विलास दशमुखे  आदि समेत भापजा पदाधिकारी व कार्यकर्ते उपस्थित थे. 

     

    राकां ने केंद्र सरकार का किया निषेध

    लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते आम नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है. जिससे महंगाई नियंत्रण में लाने, कमलापुर के हाथियों गुजरात में स्थानांतरण करने का आदेश रद़द करने, सिरोंचा-आलापल्ली मार्ग के निर्माण वनविभाग की अटकले दूर करने, स्थानीय स्वराज्य संस्था में ओबीसी को आरक्षण देकर न्याय देने आदि मांगोंं को लेकर राकां के पदाधिकारियों ने आंदोलन किया. वहीं आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार का  निषेध किया गया. आंदोलन में राकां जिलाध्यक्ष रवींद्र वासेकर, राकां प्रदेश संगठक सचिव यूनूस शेख, रायुकां जिलाध्यक्ष लिलाधर भरड़कर, विवेका बावनवाड़े, इंद्रपाल गेडाम, विजय गोरडवार, मिनल चिमुरकर, निता बोबाटे, सोपानदेव म्हशाखेत्री,अमिन लालानी, सुनिल नंदनवार समेत बड़ी संख्या में राकां के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.