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    • ऑनलाईन बिजली बील भरने नहीं कोई सीमा 

    गड़चिरोली. महावितरण के सभी श्रेणी में ग्राहकों को आगामी सोमवार 1 नवंबर से बिजली बील नगद भरने की सीमा 5 हजार रूपयों तक निश्चित की गई है. किंतू बिजली ग्राहकों को कभी भी तथा कहीं से भी विना मर्यादा भरने के लिए महावितरण का मोबाईल एप तथा www.mahadiscom.in इस संकेतस्थल पर ‘ऑनलाईन’ सेवा उपलब्ध है. यह सेवा सेवा सुविधाजनक व सुरिक्षत होकर महावितरण के 75 लाख ग्राहक प्रतिमाह ‘ऑनलाईन’ बिजली बील भर रहे है. 

    महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग के आदेश के अनुसार महावितरण की ओर से बिजली बील का भुगतान नगद स्वरूप में स्विकारने के राशी पर 1 नवंबर से कुछ पाबंदीयां लागू की गई है. जिसके तहत ग्राहकों को बिजली बिल का भुगतान नगद स्वरूप में करने के लिए 5 हजार रूपयों की सीमा रहनेवाली है.

    उससे अधिक का बिजली बील भरने के लिए ‘ऑनलाईन’ सेवा उपलब्ध है. वहीं धनादेश द्वारा भी राशी स्विकारी जाएगी. समय के बाद धनादेश क्लीयर होने पर विलंब आकर शुल्क तथा किसी भी कारणवश धनादेश अनादरित होने पर प्रत्येक बिजली बिल के लिए 750 रुपये बैक अॅडमिनिस्ट्रेशन चार्जेस व उसपर का 18 प्रश जीएसटी टैक्स के 135 रुपये ऐसे कुल 885 रुपये ग्राहकों को भरने पडेंगे.

    वहीं लघुदाब श्रेणी के औद्योगिक, वाणिज्यिक व घरगुती अथवा संस्थाओं के ग्राहकों के बिजली बील 10 हजार रूपयों से अधिक होने पर उन्हे ‘आरटीजीएस’ अथवा ‘एनईएफटी’द्वारा सिधे बिजली बील भरने की सुविधा उपलब्ध है. इसके लिए इन ग्राहकों के बिजली बील पर महावितरण के बैंक खाते का ब्यौरा दिया जा रहा है. बिजली ग्राहक कोरोना महामारी के दौर में कतार में खडे रहकर या अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने के बजाएं ‘ऑनलाईन’ द्वारा बिजली बील का भुगतान करे, ऐसा आह्वान महावितरण द्वारा किया गया है.