Gadchiroli News Ambulance Khatiya

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गड़चिरोली. महाराष्ट्र व छत्तीसगड राज्य की सीमा जहां मिलती है, उस अबुजमाड के परिसर में अबतक आवश्यक सुविधाएं नहीं पहुंचे है. जिससे छत्तीसगड राज्य व गड़चिरोली जिले के अतिदुर्गम क्षेत्र में बसे गांवो के मरीजों को उपचार हेतु खटीया का ही सहारा है. खटीया को कावड के भांती तैयार कर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जाता है. जिससे आदिवासियों के लिए खटीया ही एम्बुलंस बन रही है. 

गड़चिरोली जिले के अंतिम छोर पर स्थित भामरागड तहसील को छत्तीसगड़ राज्य की सीमा सटी है. महाराष्ट्र तथा छत्तीसगड राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र का यह परिसर अबुझमाड के रूप में पहचाना जाता है. इस अतिदुर्गम आदिवासी बहुल पहाडी क्षेत्र के आदिवासियों को उपचार हेतु भामरागड तहसील के लाहेरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा दुसरा विकल्प नहीं है. जिससे महाराष्ट्र के ही नहीं बल्की छत्तीसगड राज्य के भी समिप के आदिवासी बांधव भी इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार हेतु आते है. अनेक गांव ऐसे ही जहां वाहन को पहुचने के लिए सड़क नहीं है. जिससे खटीया को कावड बनाकर यहां के आदिवासी मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाते है. 

समय पर उपचार मिलना कठीण 

जिले के अनेक सीमावर्ती क्षेत्र में अब भी सड़कों का अभाव होने के कारण आदिवासी नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस क्षेत्र के किसी मरीज को समय पर उपचार मिलना कठीण है. मरीजों की जान बचाने के लिए मरीजों को खटीया की कावड तैयार कर अस्पताल में लाना पड रहा है. समय पर उपचार न मिलने पर अनेक लोगो को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है.