देशव्यापी बंद को वाम लोकशाही आघाडी का समर्थन,  जिले में सफल किया जाएगा भारत बंद

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    • पत्रपरिषद में दी जानकारी

    गड़चिरोली. केंद्र के कृषि विधेयक कानुन पिछे ले, बिजली विधेयक पिछे लेने तथा किसान हित का कृषि उपज को किमान समर्थन मुल्य कानुन बनाने की प्रमुख मांगों को लेकर 27 सितंबर को विभिन्न 500 संगठनों ने देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. जिसके तहत गड़चिरोली में भी विभिन्न 17 संगठनों की वाम लोकशाही आघाड़ी ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है. वहीं जिले में भी भारत बंद को सफल करने का आह्वान पत्र परिषद में वाम लोकशाही आघाड़ी ने किया है.

    आयोजित पत्रपरिषद में भाकपा के डा. महेश कोपुलवार ने बताया कि, केंद्र में स्थित भाजपा सरकार ने किसान संगठनों को विश्वास में न लेते हुए 3 कृषि विधेयक पारीत किए है. यह विधेयक जनविरोधी होकर किसानों के लिए मारक है. इन कानुन के कारण किसानों की लूट होगी. इससे महंगाई भी बढ़ेगी. यह तिनों कृषि विधेयक पिछे लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा दिल्ली की सिमा पर विगत अनेक दिनों से आंदोलन किया जा रहा है.

    जबतक उक्त कृषि कानुन वापिस नहीं लिए जाते और किसानों के उपज को किमान समर्थन मुल्य नहीं मिलता तबतक आंदोलन शुरू रहनेवाला है. इसी आंदोलन के तहत देशभर के भाजपा विरोधी विभिन्न 500 राजनितिक दल व संगठनों ने एकजुट होकर 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इस आंदोलन को 17 दलों की वाम लोकशाही आघाड़ी ने समर्थन देते हुए आंदोलन में उतरने का निर्णय लिया है. जिसके तहत जिले में भी बंद का आह्वान किया गया है.

    किसानों के हित में हो रहे इस आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान भी इस समय किया गया. पत्रपरिषद में भारिप के रोहिदास राऊत, प्रा. रमेशचंद्र दहिवडे, आप के बालकृष्ण सावसाकडे, देवराव चवले, अमोल मारकवार, संजय जिवतोडे, शेकाप की जयश्री वेलदा, हंसराज उंदिरवाडे, राज बन्सोड, मिलींद बांबोले, बागडे, अक्षय कोसनर आदि उपस्थित थे.