20 गांवो के ग्रामीणों का नाव से जानलेवा सफर! पुलिया के अभाव में रेगुंठा-कोटापल्ली परिसर की भयावह स्थिती

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    सिरोंचा. फिलहाल बारिश का मौसम शुरू है. नदी, नालों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. किंतु पक्की सड़क, नदी पर पुलिया निर्माण के अभाव में मजबुरन लबालब बहनेवाले नदी से दुर्गम क्षेत्र के नागरिक सफर कर रहे है. ऐसा ही जानलेवा सफर सिरोंचा तहसील के रेगुंठा-कोटापल्ली परिसर में करीब 20 गांवों के हजारों ग्रामीणों को बिते अनेक वर्षो से करना पड़ रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधि व सरकार, प्रशासन की अनदेखी के कारण स्वाधिनता के अमृत महोत्सव के बाद भी इस दुर्गम क्षेत्र में यह भयावह दृश्य नजर आ रहे है. 

    जिले के अंतिम छोर पर बसे सिरोंचा तहसील के अनेक गांवों का संपर्क पडोसी तेलंगाना राज्य से आता है. इतना ही नहीं तो रोटीबेटी के व्यवहार भी जुडे है. जिससे तहसील के अनेक नागरिक तेलंगाना में आवागमन करते है. इसी तरह तहसील के रेगुंठा-कोटापल्ली परिसर के गांवों के नागरिकों का तेलंगाना राज्य से व्यवहार होता आया है.

    इस क्षेत्र की बारह माह बनेवाली प्राणहिता नदी बरसात के कालावधि में रौद्र अवतार धारण करती है. किंतु इस नदी पर पुलिया निर्माण नहीं होने के कारण परिसर के 20 गांवों के नागरिक मजबुरन नाव की सहायता से तेलंगाना में सफर करते आए है. बरसात के दौरान नदी में 900 से 100 फिट गहरा पानी बहता है. किंतु ऐसे स्थिती में भी इस परिसर के करीबन 250 से 300 नागरिक नितदिन जान जोखिम में डालकर नाव की सहायता से तेलंगाना के तट पर पहुंच रहे है. 

    रेगुंठा-कोटापल्ली परिसर अंतर्गत रेगुंठा, परसेवाडा, मोयाबिनपेठा, कोटापल्ली, ओदुगुड्डम, नरसिंहपल्ली, पापय्यापल्ली आदि समेत 20 गांवों का समावेश है. इस क्षेत्र के नागरिक नितदिन विभिन्न कार्य हेतु तथा स्वास्थ्य सेवा हेतु तेलंगाना राज्य के चेन्नूर, मंचेरियाल, गोदावरी खांनी, कारीमनगर, वारंगल इन शहरों को भेट देते है. किंतु प्राणहिता नदी पर पुलिया निर्माण नहीं होने के कारण इस परिसर के नागरिकों को बिते अनेक दशकों से नदी से नाव द्वारा सफर करना पड़ रहा है.

    राज्य सरकार ने आकांक्षित जिले के रूप में गड़चिरोली जिले के विकास को विशेष्ज्ञ प्राथमिकता दी है, किंतु रेगुंठा-कोटापल्ली परिसर के इन 20 गांवों में सड़क समेत बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से यह नरकीय यातता कब समाप्त होगी?  ऐसा सवाल इस परिसर के ग्रामीण पुछ रहे है. 

    पुलिया निर्माण होने पर विकास को मिलेगी गति 

    कोटापल्ली से 30 किमी दूरी पर आलापल्ली- सिरोंचा 353 क्र. राष्ट्रीय महामार्ग व अहेरी से कोटापल्ली तथा कोटापल्ली से टेकडा ऐसे 3 मुख्य मार्ग है. कोटापल्ली गांव समिप होनेवाले प्राणहिता नदी पर पुलिया का निर्माण होने पर सिरोंचा-आलापल्ली राष्ट्रीय मार्ग पर चलनेवाले भारी वाहनों की यातायात कोटापल्ली-वेमनपल्ली मार्ग से तेलंगाना राज्य के चेन्नूर, मंचेरियाल, गोदावरी खांनी, वारंगल, कारीमनगर इन शहर में जाने के लिए सुविधाजनक हो सकती है. वहीं रेगुंठा परिसर की अनेक समस्या दूर होगी व इस क्षेत्र के विकास को गति मिल सकती है.