कोरचीवासियों के लिये बिजली सेवा बनी सिरदर्द, दिनभर अनेक बार होती है बत्तीगुल

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    कोरची. एक तरफ बिजली विभाग 24 घंटे नियमित बिजली आपुर्ति करने की बात कह रहा है. लेकिन जिले की आखरी छोर पर बसी आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित और सबसे पिछड़ी कोरची तहसील में दिनभर में अनेक बार बिजली आपुर्ति बंद होने के कारण बिजली विभाग का दावा इस तहसील में विफल साबित हो रहा है.

    विशेषत: आजादी के 7 दशक बाद भी इस तहसील में नियमित बिजली आपुर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में पिछले 3-4 वर्षो से बिजली सेवा कोरची तहसीलवासियों के लिये सिरदर्द बन गयी है. अनियमित बिजली आपुर्ति से तहसीलवासियों के हाल बेहाल होकर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली के प्रति तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.

    गर्मी में छुट रहे पसिने

    वर्तमान स्थिति में ग्रीष्मकाल के दिन शुरू होकर सुरज आग उगल रहा है. ऐसे में नागरिकों को सर्वाधिक बिजली की आवश्यकता होती है. वहीं इस तहसील में सर्वाधिक मजदूर व कामगार वर्ग होकर दिनभर मेहनत मजदूरी करने के बाद रात को अच्छी नींद पाने के लिये पंखे, कुलर लगाते है. लेकिन दिन भर में अनेक बार बिजली आपुर्ति बंद होने का सिलसिला जारी होने के कारण गर्मी के चलते लोगों के पसिने छूट रहे है. 

    केवल बिजली बिल के वसूली पर ध्यान 

    अनेक बार तहसील के कुछ प्रमुख गांवों में उजियाला करने के लिये छोटे गांवों को अंधेरे में रहना पड़ता है. इस मामले की ओर बिजली विभाग की अनदेखी हो रही है. वर्तमान स्थिति में कोरची तहसील में चिचगढ़ से कुरखेड़ा होते हुए की जा रही है. दो जगह पर बिजली आपुर्ति होने के बाद भी तहसील में बिजली की समस्या काफी गंभीर हो गयी है.

    हाल ही में कोरची स्थित बिजली विभाग के सहायक अभियंता को उत्कृष्ट वसूली करने संदर्भ में प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया था. यदि लोग बकाया राशि भर रहे है तो, उन्हें नियमित बिजली देना भी बिजली विभाग की जिम्मेदारी है. लेकिन इस तहसील में बिजली विभाग के अधिकारी केवल बिजली बिल वसूली पर जोर दे रहे है.