Man-eater Tiger : Man-eater tiger terror in Maharashtra's Gadchiroli, has so far taken 15 lives, special team is looking for it
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    गड़चिरोली. विगत कुछ वर्षो से वडसा तथा गड़चिरोली वनविभाग में कायम हुआ वनराज का खौफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इन दिनों वनविभाग के तहत आनेवाले जंगल परिसर में बाघ, बाघिन के मुक्त विचरण के कारण ग्रामीण अंचल के लोगों दहशत में है. वडसा तथा गड़चिरोली वनविभाग अंतर्गत अबतक बाघों के हमले में करीब 2 डझन से अधिक लोगो ने अपनी जाने गवाई है.

    बिते वर्ष देसाईगंज व आरमोरी तहसील में सीटी-1 नामक बाघ ने कहर मचाया था. इस बाघ ने मवेशियों के साथ ही अनेक लोगो को अपना शिकार बनाया था. जिस कारण वनविभाग की टिम ने अनेक दिनों तक जंगल परिसर में मुहिम चलाकर नरभक्षी सीटी-1 बाघ को बेहोश करते हुए पिंजरे में कैद किया था. उक्त बाघ के पिंजरे में कैद होते ही इस परिसर के ग्रामीण अंचल के लोगो ने राहत की सांस ली.

    इसके बाद अबतक इस परिसर में बाघो के हमले की घटनाएं नहीं होने की जानकारी है. किंतु अब फिर से वडसा वनविभाग में नए बाघ की एन्ट्री होने की जानकारी सामने आ रही है. यह बाघ वनविभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में भी कैद होने की जानकारी है. देसाईगंज वनविभाग में फिर से नए बाघ का आगमन होने से फिर ग्रामीण अंचल में दहशत का माहौल छाने लगा है. जिससे बाघों का बंदोबस्त करने की मांग नागरिकों द्वारा हो रही है. 

    वनों पर ही लोग निर्भर

    जिले में अधिकत्तर एक मौसमी खेती की जाती है. जिसके चलते इन दिनों अनेक किसान, मजदूर आदि के पास कोई कार्य नहीं होता है. जिसके चलते इन दिनों ग्रामीण अंचल के लोग जंगलो से लकड़िया चुनने व आदि कार्य हेतु जाते है. इसी के साथ मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ हुए है. जिसने ग्रामीण अंचल में अनेक लोग मनरेगा के कार्य करते दिखाई दे रहे है.

    वहीं जंगल परिसर में कुपकटाई के कार्य भी प्रारंभ हुए है. अनेक मजदूर इस कार्य में भी जुटे हुए है. विगत कुछ दिनों से बाघ की दहशत कम होने के कारण लोगो के कदम बखौफ जंगल की ओर बढ रहे थे. किंतु अब बाघ की एन्ट्री के कारण फिर से लोगो में दहशत छाने लगी है. जिस कारण रोगायो के साथ ही अन्य कार्यो पर इसका परिणाम होने की बात कहीं जा रही है. 

    टी-6 बाघिन नहीं आयी हाथ

    वडसा में सीटी-1 का कहर था, इधर गड़चिरोली वनविभाग में टी-6 बाघिन ने आतंक मचाया. सीटी-1 बाघ को बिते वर्ष अक्टूंबर 2022 को पकड़ने में वनविभाग को सफलता मिली. उसे पकड़े 3 माह से अधिक समय बित चुका है. किंतु नरभक्षी टी-6 बाघिन अबतक वनविभाग के हाथ नहीं आयी है. बिते दिनों खोज मुहिम के दौरान उक्त बाघिन के 2 मृत शावकों के अवशेष भी मिले थे. इसके बाद से उक्त बाघिन इक्का-दूक्का बार ही वनविभाग के कैमेरों में कैद हुई है. किंतु उक्त बाघिन के शावक नहीं दिखाई देने की बात कहीं जा रही है. बताया जाता है कि, वनविभाग जंगल परिसर में बाघिन की तलाश में जुटा हुआ है. किंतु बाघिन वनविभाग के हाथ नहीं आ रही है. उक्त बाघिन ने करीब 10 से अधिक लोगो को अपना शिकार बनाया है. 

    विशेष दस्ता भी लौटा

    जिले में नरभक्षी टी-6 बाघिन को खोजने के लिए बिते दिनों ताडोबा अंधारी बाघ्र प्रकल्प से विशेष टीम को भी आमंत्रित किया गया था. उक्त दस्ता स्थानीय वनविभाग के कर्मीयों के साथ बाघिन के खोजबिन में जुटा रहा. किंतु उक्त बाघिन वनविभाग के जाल में नहीं आयी. यहां तक की जंगल परिसर में उक्त बाघिन के दर्शन भी दुर्लभ दिखाई दे रहे थे.

    वनविभाग द्वारा उक्त बाघिन को पकडने हेतु ट्रैप करने के लिए ट्रैप कैमेरे भी लगाए गए है. किंतु विगत कुछ दिनों में इक्का-दूक्का बार ही बाघिन कैमरे में कैद हुई है. जिस कारण बाघिन के ओझल होने के मद्देनजर ताडोबा का विशेष दल भी अब दुसरे मुहिम हेतु लौटने की जानकारी है.