Excavation of iron ore continues on Surajgad hill despite opposition from Naxalites

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  • पर्यावरण विभाग ने कई शर्तों के साथ दी खनन को अनुमति 

गडचिरोली.  बहुचर्चित सूरजगढ़ आयरन माइन में केंद्र सरकार के पर्यावरण विभाग ने कई शर्तों के साथ माइनिंग बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. वर्तमान में इस खदान से प्रति वर्ष 30 लाख टन लौह अयस्क के खनन की अनुमति थी. अब इसे बढ़ाकर एक करोड़ टन किया जाएगा. इसके खिलाफ विशेष रूप से उच्च न्यायाल में याचिका विचाराधीन है. स्थानीय आदिवासियों और नक्सलियों के कड़े विरोध के बाद एटापल्ली तहसील के सूरजगढ़ पहाड़ी पर एक साल पहले लौह अयस्क का खनन शुरू हुआ था. लॉयड मेटल्स कंपनी के पास इसका ठेका है. जबकि त्रिवेणी अर्थमूवर्स पार्टनर के तौर पर काम करने वाली कंपनी है.

प्रारंभ में पहाड़ी पर 348 हेक्टेयर वन भूमि खनन के लिए आवंटित की गई है. इससे वर्तमान में 30 लाख टन खनिजों का खनन संभव हुआ है. हालांकि, कंपनी इस सीमा को 1 करोड़ टन तक बढ़ाना चाहती थी, इसलिए उसने ऐसा प्रस्ताव सरकार को सौंप दिया. इसलिए कुछ महीने पहले एक जनसुनवाई की गई थी. लेकिन मीडिया सहित कई लोगों को इस जनसुनवाई में जाने से रोके जाने के कारण प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों ने आपत्ति जताई थी.

आदिवासियों में यह डर है कि, यदि अधिक खनन की अनुमति दी गई तो, इससे आसपास के गांवों पर प्रदूषण का संकट आ जाएगा. इसके मुताबिक पर्यावरण विभाग ने अनुमति देते समय कंपनी पर कई शर्तें लगाई हैं.  यह जानकारी प्रदूषण विभाग ने दी है. हालांकि, कई लोगों ने संदेह जताया है कि, क्या कंपनी सभी शर्तों को पूरा करेगी. इसके साथ ही इसके खिलाफ एक याचिका भी हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण बढ़े हुए खनन पर विवाद होने के संकेत मिल रहे हैं.

सूरजागढ़ पहाड़ी पर खुदाई शुरू होने के बाद से ही नक्सली खदानों में काम करने जाने वालों को धमका रहे हैं. नक्सली विरोध कर रहे हैं. उन्होंने उस जगह पर पहले भी आगजनी की थी, लेकिन एक साल से खुदाई सुचारू रूप से चल रही थी. लेकिन कुछ महीनों से नक्सली फिर से इलाके में सक्रिय हो गए हैं. और उन्होंने खदानों में काम करने जाने वाले ग्रामीणों को धमकाया. इसलिए सैकड़ों ग्रामीण पिछले दस दिनों से काम पर नहीं गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नक्सली नेता गिरिधर उस इलाके में सक्रिय है. कुछ गांवों में, ग्राम प्रधानों के साथ बैठकें भी हुई हैं. इसलिए नागरिकों में दहशत का माहौल है.