बेमौसम बारिश से मिर्च फसलों का व्यापक नुकसान, खेतों में जलभरांव से पौधे मुरझाने की संभावना

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    सिरोंचा. तहसील की प्रमुख फसल धान है, किंतू तहसील में मिर्च, कपास, हल्दी जैसे फसल भी ली जाती है. बिते कुछ दिनों से बेमौसम बारिश से धान फसलों के साथ ही कपास व मिर्च फसलों को भी व्यापक फटका लगा है. खेत में पानी जमा होने से मिर्च के पौधे मुरझाने की संभावना निर्माण हुई है. जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है. 

    तहसील के किसान परंपरागत पद्धति से धान की खेती करते थे. किंतू अब तहसील के अनेक किसान आधुनिक तकनिक का उपयोग कर विभिन्न तरह की खेती कर रहे है. इसमें प्रमुखता से मिर्च, कपास, अल्दी, सोयाबिन आदि फसलों का समावेश है. इन फसलों के माध्यम से किसान वित्तीय दृष्टि से उन्नत हो रहा है. किंतू विगत कुछ दिनों में हुए बेमौसम बारिश से किसानों के हाथ आयी फसल बर्बाद होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है.

    तहसील के असरअल्ली, अंकीसा, वडधम, पेंटीपाका, सिरोंचा, जानमपल्ली, नगरम, नारायणपूर, अमरावती, रंगय्यापल्ली, बामणी, टेकाडा, रेगुंठा, परसेवाडा, मोयाबीनपेठा इन गांवों में बड़ी मात्रा में कपास तथा मिर्च का उत्पादन लिया जाता है. जनवरी माह में कपास चुनने तथा मिर्च तुडाई शुरू होती है.

    तोडी गई मिर्च इस कालावधि में सुखाकर बिक्री की जाती है. किंतू अचानक हुए बेमौसम बारिश से मिर्च का उत्पादक किसानों का व्यापक नुकसान हुआ है. खेत में बारिा का पानी जमा होने से मिर्च के पौधे मुरझाने की संभावना है. जिससे किसानों को व्यापक वित्तीय फटका लगने का भय व्यक्त हो रहा है. 

    सिंचाई के अभाव में परंपरागत खेती 

    तहसील के झिंगानूर, कोरला, कोप्पेला, रामेशगुडम, पातागुडम इन गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं होने से इस क्षेत्र किसान आज भी परंपरागत पद्धति से खेती करते आए है. इसमें प्रमुखता से धान के साथ ज्वारी, मुंग, तील, बरबटी जैसे फसलों का समावेश है. इस परिसर के पास बारसामारी बहनेवाली इंद्रावती नदी है. फिर भी सिंचाई सुविधा के अभाव में किसानों को बारिश के पानी पर ही खेती करनी पड़ रही है. सिंचाई की व्यवस्था होने पर किसान दुबारा फसले लेकर सुजलाम, सफुलाम बन सकते है. 

    कपास जिनींग की मांग 

    तहसील के किसान बड़ी मात्रा में कपास का उत्पादन लेते है. किंतू सिरोंचा में या समिप जिनींग मिल उपलब्ध नहीं होने से किसानां को सैंकड़ों किमी दूरी पर के जिनींग मिल अथवा अन्य राज्यों में कपास ले जाकर बेचना पड़ रहा है. इसका वित्तीय फटका किसानों को सहना पड़ रहा है. फलस्वरूप किसान दलालों को कम दाम में कपास बिक्री कर रहे है. जिससे स्थानीय स्तर पर जिनींग मिल निर्माण करने की मांग तहसील के किसानों द्वारा की जा रही है. 

    तत्काल मदद घोषित करे 

    बेमौसम बारिश से तहसील के किसानों की फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है. जिससे इस नुकसान के तत्काल सर्वे कर किसानों को नुकसान मुआवजा देने की मांग आविसं तहसील अध्यक्ष बानय्या जनगाम, कृऊबास के संचालक मल्लिकार्जुन आकुला, रवी सल्लम, नागराजू इंगली, अशोक इंगली, संतोष पडालवार ने किया है.