गड़चिरोली

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गड़चिरोली. सालोंसाल धान फसलों की खेती करते समय संक्रमित होनेवाले पिढी-पिढीयों का अनुभव किसानों के लिए प्राकृतिक वरदान का कार्य करता है. कृषि वर्ष में एक यात दो बार धान की खेती की जाती है. हरित क्रांति के बाद धान फसलों के खेती के लिए देशी वाण के साथ ही नए नए संकरित (हायब्रीड) वाण बुआई किए जा रहे है. इस वर्ष भी देसाईगंज तहसील के 10800 हेक्टेयर धान फसल क्षेत्र पर देशी वाण के साथ करीब 4752 क्विंटल धान की बुआई की जानेवाली है. 

प्रतिवर्ष मई माह से किसान खरीफ सीजन के तैयारी में जुटते है. खेती की मशागत कर खेतों को तैयार करने के बाद किसान बीजों की बुआई के परीक्षण में जुट जाता है. स्वयं की खेती सिंचाई के निचे है या नहीं, सिंचाई सुविधा होने पर अधिक कालावधि के भारी प्रजाती के धान बोते है. वहीं बारिश के भरोसे खेती करनेवाले कम कम कालावधि के मध्यम तथा हल्के प्रजाती के धान की बुआई करते है. इसके बाद धान बीज किट प्रतिकारक, अधिक फुटवे आनेवाला है या नहीं इसका परीक्षण करता है. फसल उंची बढेगी या कम उंचाई की रहेगी, धान के एक लोंब में कितने दाणे होते है यह भी जांचा जाता है. अंतत: संपूर्ण निरीक्षण के बाद बाजारों में धान को अच्छा दाम मिलता है, या नहीं इसका पडताल करने के बाद ही धान के वाण का अंतिम चयन किया जाता है. इन दिनों किसान सल्लामसल्लत के बाद बीजों का चयन करता नजर आ रहा है. 

खरीफ सीजन में सिंचाई की सुविधा होनेवाले खेत में भारी प्रजाति के धान का उत्पादन लिया जाता है, वहीं कोरडवाहू खेती में हल्के प्रजाती का धान बोया जाता है. देसाईगंज तहसील से बहनेवाले गाढवी नदी के इस छोर की जमिने सिंचाईयुक्त है. इस परिसर में इटीयाडोह बांध का नहर, गाढवी नदी तथ मामा तालाब, कृषि तालाब, ऐसे जलस्रोत से धान फसलों के लिए पानी प्रवाहित किया जाता है. इस परिसर में पानी का प्रमाण अधिक रहता है. जिस कारण यहां धान फसल के अलावा दुसरा विकल्प नहीं होता है. 

बॉक्स हेतु…

कृषि विभाग की ओर अनुदान पर बीज उपलब्ध 

इस वर्ष देसाईगंज तहसील में 10800 हेक्टेयर पर धान फसल बोई जानेवाली है. इसके लिए 4752 क्विंटल बीज की आवश्यकता है. किसान स्वयं के पास के तथा महाबीज तथा निजि केंद्र से बीज खरीदी करता है. 4752 में से सर्वाधिक 3802 क्विंटल बीज महाबीज तथा निजि केंद्र से तो महज 950 क्विंटल स्वयं के पास के बीज उपलब्ध होनेवाले है. धान के साथ ही तुअर 180 क्विं. तथ्ज्ञा तील के लिए 2 क्विं. बीज की आवश्यकता है. कृषि विभाग की ओर से 50 प्रश अनुदान पर धान बीज मिलने के लिए महाडिबिटी पोर्टल पर किसान ऑनलाईन आवेदन करने का आह्वान तहसील कृषि कार्यालय ने किया है. 

बॉक्ससाठी…

बिते वर्ष किसानों की अपेक्षाओं पर फिरा पानी 

धान के सैंकडों वाण से चयनीत होनेवाले धान की बीज एक बार खेत में बोने बाद से कुटाई से लेकर बिक्री तक किसान उक्त फसलों का भारी जतन करता है. बिते खरीफ सीजन में मोहरा इस भारी प्रजाति के सुगंधित वाण की तहसील में अधिकांक्ष क्षेत्रों में बुआई हुई. किंतु किटों के प्रकोप के चलते मोहरा धान का उत्पादन घटा. जिससे अपेक्षित भाव भी नहीं मिला. जिससे मोहरा ने किसानों की अपेक्षाओं पर पानी फेर दिया था. 

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27 जीजीपी 25 – 

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ए. रवींद्र मोगीलवार