गड़चिरोली. नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले की स्वास्थ्य सेवा इतनी बूरी तरह प्रभावित हुई हैं कि, अब मरीज अस्पतालों में जाकर इलाज करवाने के बजाएं सीधे मांत्रिकों द्वारा अपना इलाज करवा रहें है. जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर उपकेंद्रों के लिये वैद्यकीय अधिकारियों के अनेक पद रिक्त पड़े है. जिसके कारण कारण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गयी है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आदिवासी नागरिकों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिये जिले में 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 376 उपकेंद्र, 3 उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल, 36 प्राथमिक स्वास्थ्य दल, 3 मोबाईल स्वास्थ्य केंद्र, 1 जिला अस्पताल समेत जिला मुख्यालय में पृथक महिला एवं बाल अस्पताल का निर्माण किया गया है.
नक्सल प्रभावित इलाकों के नागरिकों के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किसी वरदान से कम नहीं है. ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों समेत नदियों पर पुलों का अभाव है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अस्पताल या उपजिला अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.
मात्र अनेक महीनों से वैद्यकीय अधिकारियों के 30 से अधिक पद रिक्त पड़े है. जिसके कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे जिले में वैद्यकीय अधिकारियों के रिक्त पद भरने की मांग की जा रही है.