अंतत: वैनगंगा नदी पुलिया पर रेलींग लगाने का कार्य शुरू, लोकहित संघर्ष समिति के प्रयासों को सफलता

    Loading

    आरमोरी. वैनगंगा नदी में वर्ष 2020 में आयी बाढ़ के कारण पुलियां पर के रेलींग बह गए थे. जिस कारण दूर्घटना होने से अनेक नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. किंतु संबंधित विभाग ने इस समस्या की ओर अनदेखी की थी. पुलियां पर सुरक्षा रेलींग लगाने की मांग की ओर राष्ट्रीय महामार्ग विभाग का ध्यानाकर्षण करने के लिए आरमोरी की लोकहित संघर्ष समिति की ओर से अनेक बार आंदोलन, प्रदर्शन, ज्ञापन व पत्राचार करते हुए निरंतर प्रयास शुरू था. अंतत: 2 वर्ष के दीर्घ संघर्ष को सफलता मिली है. वैनगंगा नदी पुलिया पर का रेलींग का कार्य शुरू किया गया है. 

    बाढ़ के कारण बह गए रेलींग लगाने के लिए लोकहित संघर्ष समिति की ओर से 2 फरवरी को वैनगंगा नदी के तट पर धरना आंदोलन किया गया. किंतु इस आंदोलन की राष्ट्रीय महामार्ग विभाग के अधिकारियों ने सूध नहीं लेने से 4 फरवरी को वैनगंगा नदी में उतरकर जलआंदोलन किया गया. इस जल आंदोलन की सूध लेते हुए राष्ट्रीय महामार्ग विभाग के अधिकारियों ने आंदोलनस्थल पर भेट देकर टालमटोल जवाब देने से आंदोलनकर्ताओं का समाधान नहीं हुआ. फलस्वरूप यह आंदोलन अधिक तीव्र किया गया.

    8 फरवरी को चक्काजाम आंदोलन किया गया. इस आंदोलन में आरमोरी, चंद्रपुर जिले के विद्यार्थी, किसान, मजदूरों का सैलाब उमडा. तब राष्ट्रीय महामार्ग विभाग के अधिकारियों ने लिखित स्वरूप में जल्द ही कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया था. किंतु कार्य शुरू नहीं किया गया. जिंतु लोकहित संघर्ष समिति ने निरंतर 6 माह से नागपुर के राष्ट्रीय महामार्ग विभाग के कार्यालय को पत्रचार व भेट देकर अधिकारियों को वैनगंगा नदी के पुलिया पर रेलींग लगाने हेतु बाध्य किया. तब लंबे संघर्ष के बाद वैनगंगा नदी के पुलिया पर रेलींग कार्य का भूमिपूजन व जलपूजन कर शुरू किया गया.

    जिस कारण लोकहित संघर्ष समिति के दीर्घ संघर्ष को सफलता प्राप्त हुई है. इस समय लोकहित संघर्ष समिति के देवानंद दुमाने, रणजीत बनकर, अमोल मारकवार, निखिल धार्मिक, राहुल जुआरे, प्रफुल खापरे, संजय वाकडे, रिंकू झरकर , विभा बोबाटे, नेपचंद्र पेलणे, मनोज गेडाम, अजय कुथे, उमेश पिंपलकर, विनोद निमजे, दीपक सोनकुसरे, दीपक गोंधोले, महेंद्र शेंडे, राकेश सोनकुसरे , अभिषेक जुआरे, महेश पेलणे, आशुतोष गिरडकर, दिलीप हाडगे, प्रथमेश सालवे, सुरज ठाकरे, श्रीराम ठाकरे, अंकुश दुमाने, सचिन लांजेवार, भूपेश बेहेरे, मुस्ताक शेख, शेषराज सोनकुसरे, निखिल बन्सोड, ज्योती बघमारे, किशोर जंजालकर, उमा कोडापे, अंकुश गाढवे, सारंग जांभूळे, महानंदा शेंडे, आशा बोलणे समेत सभी लोकहित संघर्ष समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे.