बौखलाए हाथियों ने रातभर मचाया कहर, चार घरों को क्षति पहुंचाने के साथ फसलों का किया नुकसान

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    धानोरा. गांव में घुसने पर ग्रामीणों को द्वारा अटकाव किए जाने पर जंगली हाथियों ने रातभर मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र के गांवों के कहर मचाने का मामला सामने आया है. जंगली हाथियों ने इस क्षेत्र के पोटावी टोला के 2, आंबेझरी 1 और दराची गांव के एक घर को क्षति पहुंचायी है. इसके साथ ही धान के तीन ढेरों को तहस-नहस कर दिया है. इस घटना से परिसर में फिर एक बार जंगली हाथियों की दहशत निर्माण हो गयी है. 

    दो माह पहले बाहर राज्य से गड़चिरोली जिले के जंगल में पहुंचे जंगली हाथियों का उत्पात मचाने का सिलसिला अब भी जारी है. हाथियों के इस उत्पात के चलते गरीब नागरिक और किसानों का भारी नुकसान हो रहा है. रविवार की रात जंगली हाथियों को झुंड़ धानोरा तहसील के सुरसुंड़ी ग्राम पंचायत अंतर्गत आनेवाले पोटावी टोला गांव में प्रवेश करते हुए सोनु गावड़े और बैसु गावडे नामक दो व्यक्तियों के घरों को क्षति पहुंचायी.

    इसकी जानकारी वनविभाग को मिलते ही पश्चिम बंगाल की टीम को बुलाकर हाथियों को गांव से भगाया गया. इसके बाद जंगली हाथियों ने अपना मोर्चा भोजगाठा गांव की ओर ले गये. लेकिन वनविभाग के पथक ने हाथियों को गांव में घुसने नहीं दिया. इसी बीच पथक के आवाज के चलते बौखलाएं हाथी जंगल में घुस गये. लेकिन हाथियों के इस भागदौड़ में आंबेझरी व दराची गांव के घरों का नुकसान हुआ है.

    करीब 1 बजे के दौरान आंबेझरी गांव निवासी कुमरे नामक व्यक्ति क ेघर को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद दराची गांव निवासी  पदा नामक व्यक्ति के घर को भी क्षति पहुंचायी. उत्पात मचाने के बाद तड़के हाथियों का झुंड जंगल में चला गया. जिसके कारण वनविभाग की टीम और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. लेकिन सोमवार को सुबह 8 बजे जंगली हाथियों ने एक किसान के खेत में पहुंचकर धान के तीन ढ़ेरों को तहस-नहस कर दिया. 

    दिनभर गांवों में तनाव का वातावरण 

    बौखलाएं हाथियों द्वारा उत्पात मचाने के कारण दिनभर दराची, आंबेझरी गांव में तनाव का वातावरण निर्माण हो गया था. पश्चिम बंगाल से आयी टीम द्वारा हाथियों को गांव में आने से रोकने लिये विभिन्न तरह की आवाज निकाली जाती है. लेकिन इन आवाजों से हाथी और भी बौखलाएं गये है. रविवार की रात से पोटावी टोला, आंबेझरी व दराची गांव में हाथियों ने उत्पात मचाया है. हाथियों के इस उत्पात के चलते संबंधित गांवों में तनाव का वातावरण निर्माण हो गया था. 

    12 घंटों में 60 किमी का सफर 

    पिछले दो माह से जिले में ड़ेरा डाले बैठे जंगली हाथियों का सफर यहां से वहां जारी है. तज्ञों से मिली जानकरी के अनुसार, हाथी 12 घंटों में 60 किमी का सफर करते है. विशेषत: रात के समय उनका सर्वाधिक सफर होता है. ऐसे में बौखलाएं हाथियों ने पोटावी टोला, आंबेझरी और दराची गांव में उत्पात मचाकर इसी क्षेत्र में होने के कारण परिसर के नागरिक पुरी तरह भयभित हो गये है. 

    वनविभाग व नागरिक हतबल

    जंगली हाथियों के उत्पात के सामने वनविभाग समेत नागरिक पुरी तरह हतबल हो गये है. हाथियों द्वारा निरंतर घरों को क्षति पहुंचाने के साथ ही खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हाथियों पर नियंत्रण पाने के लिये पश्चित बंगाल की टीम को बुलाया गया. इस टीम द्वारा हाथियों को गांव में घुसने पर रोके  जाने के बाद भी हाथियों द्वारा उत्पात मचाना कम नहीं हुआ है. जिसके आगे वनविभाग व नागरिक हतबल होने की बात कही जा रही है.