आरमोरी. स्थानीय सरकारी आधारभूत धान खरीदी केंद्र पर अब तक केवल 20 फीसदी ही धान खरीदी होने पर गोडाऊन हाऊसफुल हुआ है. जिससे खरीदी-बिक्री संस्था के केंद्र बंद है. फलस्वरूप किसानों का धान रविवार से आधारभूत धान खरीदी केंद्र पर बेचने में अडचण निर्माण हुई है.
इस वर्ष खरीप सीजन के धान बिक्री के लिए मार्केटींग फेडरेशन आरमोरी के खरीदी-बिक्री संस्था के केंद्र पर 4 हजार से अधिक ऑनलाईन पंजीयन हुआ. इनमें से अब तक 700 के आस पास किसानों की टोकन के नुसार धान की खरीदी की गई. किंतु अब सभी गोडाउन 4 दिन पूर्व हाऊसफुल होने से आरमोरी की खरीदी-बिक्री संस्था के केंद्र की खरीदी बंद हुई है. जिससे किसान संकट में आ चुका है.
किसानों के समक्ष वित्तिय समस्या
तहसील के जोगीसाखरा, पलसगाव, रामपुर, शंकरनगर, पाथरगोटा, कासवी, आष्टा आदि गाव के किसानों का अभी तक धान बेचना बाकी है. धान बिक्री से कटाई, कुटाई, बैंक का फसल कर्ज आदि देकर नए रूप से ग्रीष्मकालीन धान व अन्य फसल लेने की आंस किसानों को थी. किंतु गोडाउन के अभाव में धान खरीदी बंद होने से किसानों के आंस पर पानी फेरा है.
धान से भरा ट्रैक्टर घर के समक्ष खड़ा
आरमोरी तहसील के किसानों ने धान के ढेर खरीदी केंद्र पर ले जाकर बिक्री के लिए ट्रैक्टर में भरकर तैयार रखे थे. किंतु आरमोरी के खरीदी –बिक्री संस्था के केंद्र का गोडाउन हाऊसफुल होने से धान खरीदी बंद है. जिससे अनेक किसानों के ट्रैक्टर में भरे धान के ढेर बारिश में भीग गए. खरीदी बंद से किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
गोडाउन उपलब्ध करे: घोडाम
किसानों के आधारभूत धान खरीदी के लिए गोडाउन उपलब्ध कराए, अन्यथा किसानों के भीगे हुए धान तहसील कार्यालय में लाए जाएंगे, ऐसी चेतावनी जिला आदिवासी कांग्रेस के सचिव दिलीप घोडाम ने आरमोरी के तहसीलदार कल्याणकुमार डहाट को दिए हुए ज्ञापन से दी है.