मुरूमगांव क्षेत्र में फिर लौटा जंगली हाथियों का झुंड़, काली पहाड़ी परिसर में लोगों दिखे हाथी

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    गड़चिरोली. पिछले 15 दिनों से वड़सा वनविभाग अंतर्गत आनेवाले कुरखेड़ा,आरमोरी, देसाईगंज तहसील  के जंगलों में जंगली हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए था. ऐसे में फिर एक बार जंगली हाथियों का झुंड़ धानोरा तहसील के मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र में दाखिल होने की जानकारी मिली है. मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले  काली पहाड़ी परिसर में शाम के समय कुछ लोगों को जंगली हाथियों के दर्शन होने से इस क्षेत्र के किसान और नागरिकों में पुन: दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. 

    अक्टूबर माह में छत्तीसगढ़ से होते हुए जंगली हाथियों का झुंड़ धानोरा तहसील के मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र में दाखिल हुआ.शुरूआती दिनों में जंगली हाथियों के झुंड ने इस क्षेत्र में काफी उत्पात मचाते हुए सैकडों हेक्टेयर धान फसल को क्षति पहुंचाई. वहीं अनेक घरों का भी नुकसान किया. इसके बाद हाथियों के झुंड़ ने अपना मोर्चा वडसा वनविभाग की ओर ले गये.

    देसाईगंज, आरमोरी, कुरखेड़ा तहसील में इन हाथियों ने धान फसलों का नुकसान पहुंचाया. पिछले 15 दिनों से वडसा वनविभाग में ड़ेरा डाले बैठे हाथी अब पुन: कढोली-अंगारा-मुस्का मार्ग से होते हुए मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र में दाखिल होने से इस क्षेत्र के लोगों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. 

    सिंदेसूर-कवडीकसा जंगल में प्रवेश 

    जंगली हाथियों का झुंड कढोली-अंगारा से होते हुए कुरखेड़ा तहसील के मालेवाड़ा से धानोरा तहसील के येरकड़ तक सफर किया है. इस दौरान दो दिन पहले येरकड़ में मंडई के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में जानेवाले नागरिकों को मार्ग पर जंगली हाथियों को झुंड़ दिखाई दिया. जिसके कारण कुछ देर तक यातायात प्रभावित हो गयी थी. इस क्षेत्र के काली पहाड़ी परिसर के सिंदेसूर-कवडीकसा जंगली क्षेत्र में हाथी जाने की जानकारी मिली है. 

    दो माह के बाद भी मदद से वंचित

    छत्तीसगढ़ से हाते हुए देा माह पहले जंगली हाथियों का झुंड़ मुरूमगांव वनपरिक्षेत्र में दाखिल हुआ था. जिले के जंगल में दाखिल होते ही जंगली हाथियों के झुंड ने इस क्षेत्र में उत्पात मचाना शुरू कर दिया. जिसमें सैकडों हेक्टेयर धान फसलोंं को क्षति पहुंचाई गयी. इसके अलावा अनेक घरों को भी नुकसान पहुंचाया. इस क्षेत्र के फुलकोड़ो, कवडीकसा, भोजगाटा, अर्जुनी इन गांवों में हाथियों ने प्रवेश कर अनेक घरों को क्षति पहुंचायी. सरकार द्वारा नुकसानग्रस्तों को मुआजवा देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब तक नुकसानग्रस्तों को मुआवजा नहीं मिला है.