छत्तीसगढ़ से धान की अवैध तस्करी,  मालेवाडा पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध?

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    गड़चिरोली. छत्तीसगड़ राज्य से जिले में धान की अवैध तस्करी होने का मामला कुरखेड़ा तहसील के मालेवाडा में आज 16 जनवरी को उजागर हुआ है. मालेवाड़ा पुलिस ने धान से भरे 2 ट्रक व 2 पिकअप वाहन रोककर जांच की. किंतू 6 घंटे बाद वाहन छोड़े जाने से पुलिस के कार्रवाई पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. 

    राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने बाहरी राज्य से होनेवाले धान तस्करी पर रोक लगाने के स्पष्ट संकेत दिए है. वे गड़चिरोली जिले के दौरे पर रहते समय जिला प्रशासन को वैसी सूचना दी थी. अवैध धान तस्करी करनेवालों पर फौजदारी मामले दर्ज करने के निर्देश भी दिए थे. किंतू बाहरी राज्यों से धान की तस्करी नहीं थमी है.

    आज रविवार को छत्तीसगड़ राज्य का नंबरप्लेट होनेवाले ट्रक व 2 पिकअप वाहन में धान के बोरे लादकर यातायात की जा रही थ्ज्ञी. इस संदर्भ में मालेवाडा पुलिस को गुप्तचरों द्वारा जानकारी मिली. जिसके तहत उपपुलिस थाना मालेवाडा के मोर्चा के समक्ष संबंधित वाहन रोके गए. संबंधित वाहनों की दस्तावेज जांच कर जवाब भी दर्ज किया गया. किंतू कोई कार्रवाई न करते हुए 5 से 6 घंटे के बाद उक्त वाहन छोडे गए. जिससे पुलिस के कार्यप्रणाली पर नागरिकों ने सवाल उठाया है. 

    किसानों को उनके अधिकार का समर्थनमुल्य दिलाने के लि सरकार महामंड़ल के केंद्र पर धान खरीदी करता है. विगत 2 वर्षो से प्रकृति के मार से किसान निराश है. अल्प उत्पादन से किसान त्रस्त हुआ है. किंतू इस स्थिती का लाभ उठाकर कुछ लोगों के धान खरीदी, बिक्री के रैकेट (अंतरराज्यीय) सक्रीय हुआ है. हर वर्ष धान खरीदी केंद्र देरी से शुरू किए जा रहे है. पैसों की अडचण में किसान अपना धान अल्प भाव में व्यापारियों को बेचते है. किसानों का धान व्यापारियों की ओर जाने से किसानों की ओर सरकारी खरीदी केंद्र पर साबारा बिक्री के लिए धान उपलब्ध नहीं रहता है.

    जिससे कुछ धान तस्कर किसानों को कुछ पैसों का प्रलोभन देकर अपने पास का धान संबंधित किसान के सातबारा पर सरकारी समर्थनमुल्य खरीदी केंद्र में बेचते है. यह काला कारोबार विगत 2 वर्षो से जिले में शुरू है. छत्तीसगड़ राज्य से हल्के दर्जे का स्वस्त धान जिले में लाकर सरकार के समर्थनमुल्य का लाभ उठाते है.

    इस रैकेट में संबंधित विभाग के कुछ अधिकारी की भी मिलीभगत होने की जानकारी है. जिससे सरकारी समर्थनमुल्य खरीदी केंद्र शुरू होने के बाद जिले में बाहर राज्य से धान की तस्करी होने की बात मालेवाडा के मामले से दिखाई दे रही है. 

    सातबारा लेकर दिया जाता है वित्तीय लाभ 

    सरकारी समर्थनमुल्य खरीदी केंद्र पर धान खरीदी करते समय किसानों का सातबारा मंगाया जाता है. जिससे बाहर राज्रू से धान की तस्करी करनेवाले जिले के किसानों से सातबारा प्राप्त करते है. इसके लिए संबंधित किसान को कुछ वित्तीय लाभ भी दिया जाता है. बिते वर्ष सरकार ने बोनस घोषित किया था.

    जिससे समर्थनमुल्य व बोनस ऐसा दोहरा लाभ धान तस्करों को मिला था. इस वर्ष बोनस घोषित नहीं हुआ है. किंतू समर्थनमुल्य 1960 इतना है. बाहर राज्य का निम्न दर्जे के धान को जिले में अच्छा भाव मिलने से तस्करों की चांदी हो रही है. इसके लिए अनेकों को ‘वित्तीय’ लाभ भी दिया जा रहा है. 

    दस्तावेज जांचे, जवाब दर्ज किया : प्रभारी अधिकारी

    मुरुमगाव की ओर से आनेवाले 2 ट्रक व 2 पिकअप वाहनों को मालेवाडा उपपुलिस थाने के समक्ष रोका गया. वाहन में धान के बोरे थे. वाहन के दस्तावेज जांचकर सरकारी फिर्यादी के जवाब दर्ज किए. इसके बाद मै कुलकुली को कार्य हेतु निकल गया. इस दौरान वाहन छोडे गए. ऐसी जानकारी मालेवाडा उपपुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी राठोड ने दी.