कपास पर शोषक कीट, गुलाबी बोंड इल्लियों का प्रकोप

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    • उपाययोजना करने कृषि विभाग ने किया आह्वान

    गड़चिरोली. कपास फसलों पर शुरूआत के दौर में प्रमुखता से मावा, तुडतुडा तथा फुलकिट इन रस शोषक किट का प्रकोप पाया जाता है. कोरडवाहू कपास फसलों पर मावा इस किट का प्रकोप जुलाई के दुसरे सप्ताह से, तुडतुडा का प्रकोप जुलाई के अंतिम सप्ताह से तथा फुलकिट का अगस्त माह के पहले सप्ताह से पाया जाता है. वहीं गुलाबी बोंड इल्लीयों का प्रकोप ऑगस्ट अगस्त माह में दिखाई देता है. इन सभी तरह के किटों के कारण कपास फसलों का नुकसान हो सकता है. जिससे किसान उपाययोजना करे, ऐसा आह्वान कृषि विभाग ने किया है. 

    शोषक इस किट से करीबन 2 से 3 सप्ताह तक संरक्षण मिलता हे. इसलिए इस कालावधि में किटनाशकों का छिडकांव न करे, समय समय पर प्रकोपग्रस्त टहनी, पत्ते तथा अन्य सुखी पत्ती जमा कर किटों के साथ नष्ट करे, फसलों के उगाई के 8 से 10 दिनों बाद चिकट जाल लगाकर नियमित सफेद मक्खी के प्रकोप रखे. कपास में चवली का अंतर फसल ले. इस चवली फसलों पर कपास के किट के प्राकृतिक शत्रू किट का पोषण होगा. समय पर अंतर मशागत कर फसल तणविरहीत रखे.

    जिससे किटों के वैकल्पिक खाद्य तण का नाश होगा तथा खेत के बांधों पर के किट के वैकल्पिक खाद्य जैसे तण, अंबाडी, रानभिंडी नष्ट करे. मृदा परिक्षण के आधार पर खाद मात्रा का अवलंब कर अधिक के नत्र खाद का उपयोग टाले तथा 2 कतार में पेडों दूरी उचित रखे. जिससे कपास पर अनावश्यक कायीक की वृद्धि नहीं होगी तथा फसले घने होगी होगी. जिससे ऐसे फसलों पर किटों का प्रमाण भी कम रहेगा.

    फसलों के उगाई के बाद 40 से 45 दिनों के बाद फेरोमोन जाल का उपयोग करे, फसलों के वृद्धी के अवस्था में उंचाई के अनुसार किमान 1 फिर दूरी रखे, जिससे फेरोमोन जाल का प्रभाव वातावरण में फैलने में मदद होगी. इसके लिए एक या दो अथवा हेक्टेयर में 5 फेरोमोन जाल लगाए. निरंतर 3 दिन इन जाल में 8 से 10 पतंग दिखाई देने पर गुलाबी बोंड इल्लीयों के प्रबंधन की उपाययोजना करे तथा मास ट्रॅपिंग के लिए प्रति हेक्टेयर 15 से 20 फेरोमोन जाल लगाए. हर गांव में कपास संकलन केंद्र व जीनींग फॅक्टरी में 15 से 20 कामगंध जाल लगाकर हर सप्ताह में पतंग नष्ट करे. 

    बोंड इल्लीयों का प्रबंधन 

    गुलाबी बोंड इल्लीयों के प्रबंधन के लिए प्रत्येक सप्ताह में एकड में खेतों का प्रतिनिधित्व करेंगे, ऐसे 20 पेड चुनकर चुने गए प्रत्येक पेड के फुल, पत्ते व बोंडों की संख्या गिनकर उसमें गुलाबी बोंड इल्ली ग्रस्त फुल, पत्ते व बोंडे का प्रतिशत निकाले. प्रकोप का प्रतिशत 5 प्रश से अधिक दिखाई देने पर किटनाशकों का छिड़कांव करे. प्रोफेनोफॉस 50 प्रश प्रवाही 30 मिली या क्लोरेंट्रानिलीप्रोल 18.5 प्रश एससी 3 मिली या थायोडिकार्ब 75 प्रश भुकटी 20 ग्रैम अथवा किंवा फिप्रोनील 5 प्रश एससी 30 मिली अथवा लॅम्ब्डा सायहॅलोथ्रीन 5 प्रश ईसी 12 मिली इसमें से किसी एक किटनाशक का प्रति 10 लिटर पानी में मिलकर छिड़कांव करे, ऐसा आह्वान कृषि विभाग ने किया है.