त्रिपूर पुजा से जगमग हो उठा मार्कंडेश्वर मंदिर, महाशिवरात्री के दुसरे दिन होनेवाले कार्यक्रम की परंपरा कायम

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    चामोर्शी: लाखो श्रद्धालुओं का श्रद्धास्थान होनेवाले मार्कंडादेव में महाशिवरात्री के पर्व पर मेले को प्रारंभ हुआ है. कोरोना पाबंदी होने के बावजूद राज्य के व राज्य के बाहर के श्रद्धालु दर्शन हेतु दाखिल हुए थे. 2 मार्च को महाशिवरात्री के दुसरे दिन यानी अमावस के दिन परंपरा के अनुसार मंदिर के शिखर व नदी के तट पर शाम 6 बजे तेल के दीपक चंद्रपुर जिले के व्याहाड बुज. निवसी मारोती पाटील म्हशाखेत्री के साथ परिवार के हाथों जलाएं गए. त्रिपुर पुजा  से मंदिर परिसर दीपक के तेजोमयी प्रकाश से जगमग हो उठा था. 

    वैनगंगा नदी के बाएं तट पर मार्कंडेश्वर का प्राचीन मंदिर है. यहां दक्षिण की ओर बहनेवाली वैनगंगा नदी उत्तरवाहिनी होने से यह स्थल श्रद्धालुओं की दृष्टि से व्यापक महत्वपूर्ण है. जिससे यहां महाशिवरात्री को आयोजित होनेनेवाले मेले में लाखों श्रद्धालु उमडते है. 2 मार्च को शाम 6 बजे मंदिर के कलश पर व्याहाड बुज. निवासी मारोती पाटील म्हाशाखेत्री, दिवाकर भावडकर, अरुण गायकवाड, पंकज पांडे के हाथों दीपक जलाया गया.

    दीपक जलाने का मान विगत अनेक पिढ़ीयों से म्हाशाखेत्री परिवार को मिल रहा है. दीपक का महत्व होने से इस दिन श्रद्धालु उपस्थित रहते है. इस समय सरपंच उज्वला गायकवाड, ग्रामसेवक श्रीकृष्ण मंगर, देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष गजानन भांडेकर, सचिव मृत्युंजय गायकवाड, सहसचिव रामूजी तिवाडे समेत कर्मचारी, गंगाधर कोंडुकवार, अशोक तिवारी, केशव आंबटवार, उज्ज्वल गायकवाड, जयराम चलाख आदि उपस्थित थे.