गाज गिरने से 100 से अधिक भेड़ की मृत्यु; कोरची तहसील के सावली जंगल क्षेत्र की घटना

    Loading

    कोरची. भेंड़, बकरी और उंट को अच्छा चारा मिले, इसलिये पिछले कुछ दिन पहले कोरची तहसील के विभिन्न गांव परिसर में बाहर राज्यों से चरवाह आए हुए थे. वह गांव परिसर में डेरा ड़ालकर रोजाना भेंड़ और बकरियों को चराने के लिये जंगल में ले जाया करते थे.

    इसी बीच कोरची तहसील के सावली गांव परिसर में डेरा डाले चहवाहों ने रात के समय सभी भेंडों को एक जगह पर रखा था. इस दौरान रात 11 बजे के दौरान इस क्षेत्र में आंधी-तुफान के साथ बारिश हुई. और गाज गिरने से तकरीबन 100 से अधिक भेड़ की मृत्यु हो गयी. यह घटना शुक्रवार को सुबह उजागर होते ही संपूर्ण तहसील समेत जिले में खलबली मच गयी है. विशेषत: इस घटना में लाखों रूपयों का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

    5 से 6 लाख रूपयों का नुकसान

    कोरची तहसील मुख्यालय से 13 किमी दुरी पर बसे सावली गांव परिसर में रात के समय गाज गिरने से 100 से अधिक भेड की मृत्यु हुई है. इस घटना में संबंधित चरवाहों का 5 से 6 लाख रूपयों का नुकसान हुआ है. लेकिन संबंधित चरवाह इस घटना की शिकायत करने के बजाय अपना ढेरा छोड़ निकल जाने की जानकारी मिली है. बताया जा रहा है कि, जंगल क्षेत्र में भेड़ और बकरियों को चराने के लिये वनविभाग से अनुमति लेनी होती है, लेकिन बाहर राज्यों से आए चरवाह किसी भी तरह की अनुमति न लेते हुए जंगल में अपने भेड़, बकरियों को चराते है.

    राजस्थान और गुजरात के आए थे चरवाह

    प्रति वर्ष गड़चिरोली जिले के विभिन्न तहसीलों में राजस्थान और गुजरात के लोग अपने भेड़, बकरियां लेकर आते है. वहां पर इन चारा नहीं मिलने के कारण चरवाह गड़चिरोली जिले की राह पकड़ते है. इस बार भी 15 से 16 चरवाह के परिवार कोरची तहसील के कोरची तहसील के सावली और बेडगांव परिसर में पहुंचे. दोनों गांव परिसर में चरवाहों ने अपना डेरा जमाया था. विशेषत: चरवाहों की एक टोली के पास एक हजार से अधिक भेंड बकरियां होती है. पिछले कुछ दिनों से संबंधित राज्यों के चरवाह कोरची तहसील में आए हुए थे.

    पंचनामा करने पहुंचे तहसीलदार

    इस घटना की जानकारी मिलते ही कोरची के तहसीलदार छनगलाल भंडारी अपनी टिम के साथ शुक्रवार को पंचनामा करने के लिये घटनास्थल पर पहुंचे. विशेषत: मसेली तक पहुंचने के बाद आगे जाने के लिये सड़क ही नहीं होने के कारण तहसीलदार व उनकी टिम करीब 3 किमी दूरी पैदल सफर कर घटनास्थल पर पहुंचे थे. पंचनामा के बाद इस घटना में लाखों रूपयों का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.