रापनि कर्मियों का 35 दिनों से जारी है हड़ताल, मांग को लेकर सरकार गंभीर नहीं होने का आरोप

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    गड़चिरोली. रापनि कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समावेश करने की प्रमुख मांग को लेकर पिछले 35 दिनों से राज्य समेत गड़चिरोली जिले में रापनि कर्मचारी हड़ताल कर रहे है. जिसके कारण संपूर्ण राज्य में रापनि की सेवा पुरी तरह प्रभावित होकर नागरिकों के जीवनकार्य पर विपरित परिणाम भी हो रहा है.

    लेकिन हड़ताल को 35 दिनों की कालावधि पूर्ण होने के बाद भी सरकार रापनि कर्मचारियों की मांग को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप हड़ताल करनेवाले रापनि कर्मचारियों ने लगाया है. 

    पिछले अनेक वर्षो से रापनि कर्मचारी अपने जान जोखीम में डालकर निरंतर सेवा दे रहे है. लेनिक रापनि कर्मचारियों की समस्या हल नहीं हो पा रही है. ऐसे में संपूर्ण राज्य में 28 अक्टूबर से रापनि कर्मचारियों ने सरकारी सेवा में विलगीकरण करने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दिया है. इस कालावधि में अनेक रापनि कर्मचारियों की सरकार के साथ बैठक हुई.

    इन बैठक में सरकार ने वेतन बढ़ोत्तरी का मुद्दा रखा लेकिन कर्मचारियों के विलगीकरण के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई. जिसके कारण नाराज रापनि कर्मचारियों ने अपना हड़ताल कायम रखा है. इस दौरान विभाग द्वारा सूचना और नोटिस देने के बावजूद भी पूर्ववत सेवा में शामिल न होनेवाले रापनि कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन अथवा सेवा से निकालने की कार्रवाई भी की गई. लेकि रापनि कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े है. इधर बसे बंद होने के कारण यात्रियों को निजि वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है.

    जिसमें उन्हें मानसिक, शारिरीक और वित्तय रूप से त्रस्त होना पड़ रहा है. 35 दिन की कालावधि पूर्ण होने के बाद भी सरकार द्वारा हड़ताल करनेवाले रापनि कर्मचारियों की मांग को लेकर किसी भी तरह का निर्णय नहीं लिये जाने से सरकार मांग को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप हड़ताल करनेवाले रापनि कर्मचारियों लगाया है.