अब अपने गांव, घर में परिवर्तन लाए; डीआईजी संदीप पाटील का कथन

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  • आत्मसमर्पित नक्सली व युगलों का सामुहिक विवाह संपन्न

गड़चिरोली.  शुभ भावना व्यक्त करने का मौका मिलना यह बड़ी बात है, यह काफी मुश्किल अवसर होता है. इस समारोह के माध्यम से यह मौका मिला है. जिससे इस मौके का लाभ उठाकर अपने गांव तथा जिले का भविष्य बदला जा सकता है, इसका विचार कर अब अपने गांव तथा घर में परिवर्तन कैसे लाएं, अभी से प्रयास आरंभ करे, ऐसा आह्वान उपपुलिस महानिरीक्षक संदीप पाटील ने किया.  

मैत्री परिवार संस्था, गड़चिरोली पुलिस दल, पुलिस दादालोरा खिडकी के संयुक्त तत्वावधान में आज शनिवार 26 मार्च शनिवार को चंद्रपुर मार्ग के अभिनव लॉन म में 127 आदिवासी युगलों का सामुहिक विवाह समारोह संपन्न हुआ. इस भव्यदिव्य समारोह में 8 आत्मसमर्पित नक्सली युगलों का भी समावेश था.

इन युगलों को नवजीवन के शुभारंभ के स्वरूप में गृहउपयोगी साहित्यों का वितरण किया गया. इस समय वे बोल रहे थे. इस दौरान मंच पर सांसद अशोक नेते, भाजपा के पूर्व विदर्भ संगठक डा. उपेंद्र कोठेकर, भाजपा जिलाध्यक्ष किशन नागदिवे, आरमोरी मतदाता क्षेत्र के विधायक कृष्णा गजबे, गड़चिरोली – चिमूर क्षेत्र के विधायक देवराव होली, गड़चिरोली के पुलिस अधिक्षक निलोत्पल, अप्पर पुलिस अधिक्षक (प्रशासन) कुमार चिंता, अप्पर पुलिस अधिक्षक (प्रशासन)

Now bring changes in your village, home; Statement of DIG Sandeep Patil

अनुज तारे,  अप्पर पुलिस अधिक्षक प्रणिल गिल्डा, अहेरी के अप्पर पुलिस अधिक्षक सतीश देशमुख, मैत्री परिवार संस्था के अध्यक्ष प्रा . संजय भेंडे  सचिव प्रा . प्रमोद पेंडके व गड़चिरोली शाखा के निरंजन वासेकर, उद्योजक नवनीतसिंह तुली, सुधा मिश्रा, राजकमल, प्रकाश पोरेड्डीवार आदि मान्यवर उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरूआत में प्रथम बार नवदम्पत्ती की विवाह पूर्व स्वास्थ्य जांच कराई गई. इस विवाह समारोह में बडी संख्या में सहभाग लिया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. माधुरी यावलकर व अशोक माने ने किया, आभार प्रणिल गिल्डा ने माना. 

खर्च टाले, सामुहिक विवाह का विकल्प चुने-नेते 

विवाह यह 2 परिवार को जोड़नेवाला यह संस्कार काफी महंगा हुआ है. घर बेचकर, खेती बेचकर तथा कर्जबाजारी होकर भी विवाह किया जाता है. कर्ज चुकाया नहीं गया तो, सावकार – बैंक द्वारा कर्ज की वसुली हेतु परेशान किया जाता है. ऐसे में आत्महत्या का विकल्प चुना जाता है. इसमें आपके परिवार की ही बर्बादी होती है. इसलिए सामूहिक विवाह समारोह होना आवश्यक है. विवाह संस्कार सामुहिक रूप से संपन्न होने पर उसे सामाजिक, पारिवारिक एकता का सन्मान प्राप्त होता है, खर्च टाले और, सामुहिक विवाह का विकल्प चुने ऐसा आह्वान सांसद अशोक नेते ने आयोजित समारोह के दौरान किया. 

बारात का जगह जगह हुआ स्वागत, पुष्पवर्षा 

विवाह विधि शुरू होने के पूर्व सुबह 8.30 बजे के दौरान विवाह स्थल से लेकर बाजार चौक, मुख्य चौक से विवाह स्थल तक वधु-वर की बारात स्वरूप रैली निकाली गई. इस रैली के दौरान रैली के स्थानों पर आकर्षक रंगोलिया डाली गई थी. जब शहर से बारात निकली तब जगह जगह बारात का स्वागत किया गया, साथ ही वधु-वर पर पुष्पवर्षा की गई. इस बारात में रिश्तेदारों के साथ ही पुलिस के पैर भी थिरक उठे. इस दौरान युगलों मंगलसुत्र, वधुवर को नए कपडे, बर्तन आदि संसार उपयोगी साहित्य प्रदान किए गए. युगलों के माता-पिता को अहिरपट्टी भी दी गई. 

4 हजार से अधिक बारातियों की उपस्थिती 

विवाह समारोह के दौरान भव्य शामियांना खडा किया गया था. उसके पास ही विभिन्न पंडाल डाले गए थे. इस समारोह में 4 हजार से अधिक बारारियों की उपस्थिती थी. इस दौरान सभी उपस्थितों ने वधुवर को शुभ आशिर्वाद दिया. इस दौरान मुख्य मंडप को वीर बिरसा मुंडा, बारातियों के भोजनकक्ष को क्रांतिवीर बाबुराव शेडमाके व मान्यवरों के भोजनकक्ष को वीर नारायण सिंह, तो वधु- वर भोजन कक्ष को वीर राणी दुर्गावती नाम दिया गया था.