अब अंधश्रद्धा निर्मुलन के लिए आगे आयी खाकी, लाहेरी उपपुलिस थाने की जनजागृति

    Loading

    भामरागड. एक ओर नक्सलग्रस्त, दुर्गम व संवेदनशिल क्षेत्र में नक्सलियों से मुकाबला कर नक्सल आंदोलन को परास्त करने के प्रयास में लगा जिला पुलिस दल दुसरी ओर दुर्गम क्षेत्र के नागरिकों को विकास के मुख्य प्रवाह में लाने का निरंतर प्रयास कर रहा है.

    ऐसे में तहसील के अतिसंवेदनशिल क्षेत्र होनेवाले उपपुलिस थाने की ओर से अंधश्रद्धा निर्मुलन संदर्भ में जनजागृति कार्यक्रम चलाएं जा रहे है. जिससे जिला पुलिस दल ने अब आदिवासी बहुल क्षेत्र के नागरिकों को गलत प्रथा व अंधश्रद्धा के भंवर से बाहर निकालने हेतु खाकी आगे आयी दिखाई दे रही है. 

    तहसील के आदिवासी बहुल तथा दुर्गम क्षेत्र में अनेक गलत प्रथा, अंधश्रद्धा फैली है. यह प्रथा विकास के लिए बाधक बनते है. समाज की महिला, गरीब तथा अमीर भी अंधश्रद्धा के वाहक होते है. अनेक अज्ञान का लाभ साधू महाराज, भोंदू बाबा यह वित्तीय तथा शारिरीक स्वरूप से उठाते है. जिससे इसपर प्रतिबंध लगाने के लिए जादुटोणा विरोधी कानुन अमल में आया है.

    मात्र केवल कानुन बनाने से काम नहीं बनेगा, बल्की उक्त कानुन पर कडाई से अमल भी होना तथा समाज की मानसिकता में बदलाव होना भी आवश्यक है. आदिवासीबहूल, दुर्गम क्षेत्र के आदिवासी बांधव अंधश्रद्धा के जाल में फंसे है. उन्हे इससे बाहर निकालने के लिए पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल व वरीष्ठ पुलिस अधिकारियों के प्रयास से अंधश्रद्धा निर्मुलन व जादुटोणा कानुन संदर्भ पर जनजागृति की संकल्पना आगे आयी. जिसके तहत भामरागड़ तहसील के अतिसंवेदनशील क्षेत्र होनेवाले लाहेरी उपपुलिस थाना परिसर में नागरिकों को विशेष जनजागृति पर कार्यक्रम के माध्यम से अंधश्रद्धा निर्मुलन व जादुटोणा काननु विष्ज्ञयक जानकारी दी गई. 

    उक्त कार्यक्रम पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल, अप्पर पुलिस अधिक्षक सोमय मुंडे, अहेरी के अप्पर पुलिस अधिक्षक अनुज तारे, उप विभागीय पुलिस अधिकारी कुणाल सोनवणे के मार्गदर्शन में उप पुलिस थाना लाहेरी के अधिकारी व कर्मचरियों ने आयोजित किया था. कार्यक्रम की सफलता हेतु महिला पुलिस कर्मचारी रेश्मा गेडाम, वृषाली चव्हाण, नितीन जुवारे, यशवंत दानी, मोईनदर मानकर, विशेष पुलिस अधिकारी लखमा कालंगा ने प्रयास किया. 

    प्रात्यक्षिक से दी शोषण की जानकारी 

    इस समय उपपुलिस थाना लाहेरी के प्रभारी अधिकारी अविनाश नलेगावकर ने उपस्थित नागरिकों को अंधश्रद्धा निर्मूलन संदर्भ में मार्गदर्शन किया. वहीं पुलिस उपनिरीक्षक आकाश विटे, अजय राठोड, महादेव भालेराव ने साधू  व भोंदूबाबा यह नागरिकों के साथ कैसे ठगी कर शोषण करते है, इस विषय पर प्रात्यक्षिक दिखाकर जानकारी दी. इस दौरान जादुटोणा विरोधी कानुन की जानकारी भी दी गई. 

    अंधश्रद्धा पुतले का किया दहन 

    लाहेरी उपपुलिस थाने में आयोजित इस उपक्रम के तहत साधू व भोंदुबाबा की ओर से नागरिकों की ठगी होने पर उपपुलिस थाना लाहेरी में संपर्क करने का आह्वान पुलिस विभाग द्वारा किया गया. इस समय लाहेरी परिसर के महिला बचत गुट की ओर से अंधश्रद्धा पुतले का दहन किया गया. तथा अंधश्रद्धा का लाहेरी परिसर का कोई भी नागरिक शिकार नहीं होगा, ऐसी शपथ ली गई.