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    गड़चिरोली. रापनि की बसें विभिन्न कारणों के चलते हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है. लेकिन अब कैलसेल टिकट को लेकर फिर एक बार रापनि की बसे चर्चा में आ गयी है. बसों में सफर करते समय हमेशा छूटे पैसों को लेकर यात्रि व परिचालक में तूतू-मैंैमैं होती है. अनेक बार छूट्टे पैंसे नहीं मिलने के कारण विवाद चरम पहुंच जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. वर्तमान स्थिति में प्रत्येक क्षेत्र में कैसलेस व्यवहार हो रहा है. ऐसे में अब रापनि भी कैसलेस व्यवहार की ओर अपने कदम बढ़ रही है.

    रापनि ने अपने विभिन्न विभागों को स्वाईप मशीन का वितरण किया है. राज्य समेत राज्य के आखरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले के बस डि़पों में स्वाईप मशीने पहुंची है. स्वाईप मशीन के जरिये कैसलेस सफर करने की प्रणाली शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही गड़चिरोली जिले के यात्रि कैलसेल सफर का आनंद ले पाएंगे.

    रापनि ने बढ़ाया डिजीटल पेमेंट की ओर कदम

    रापनि की नई निति नुसार अब रापनि की बसों में सफर करनेवाले यात्रि फोन पे, गुगल पे से एसटी का टिकट निकाल पाएंगे.जिससे अब छूट्टे पैसों को लेकर निर्माण होने की समस्या से राहत मिलेगी. बताया जा रहा है कि, पहले डेबीट व क्रेडिट कार्ड द्वारा टिकट दिया जाता था. जिसमें अनेक  समस्या निर्माण होती थी. वहीं मशीन बंद पडऩे की प्रमुख समस्या बन गयी थी. लेकिन अब नये मशीन पर युपीआई की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है. जिससे अब यात्रि अपने स्मार्ट फोन से विभिन्न एप की सहायता से एसटी का टिकट निकाल पाएंगे. यह प्रणाली जल्द ही शुरू होगी. 

    गड़चिरोली डि़पों को मिले 150 मशीने: पांड़े

    गड़चिरोली डि़पो के प्रबंधक मंगेश पांडे ने बताया कि, यात्रियों को कैसलेस सफर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये विभाग द्वारा हमारे डिपों में 150 स्वाईप मशीन  उपलब्ध करा दी गई है. लेकिन यह प्रणाली सिधे मुंबई से शुरू की जा सकती है. और इसका कार्य शुरू है. विशेषत: यह प्रणाली चलाने के लिये परिचालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. यदि किसी भी यात्रि में पास पैंसें नहीं है तो, वह बसों में सफर कर पाएगा. इस प्रणाली को सर्वाधिक लाभ यात्रि वर्ग को होगा. ऐसी बात उन्होंने कही.

    दुर्गम क्षेत्र के यात्रियों का क्या? 

    रापनि नई तकनिकी अपनाते हुए बसों में सफर कैसलेस करने की ओर जोर दे रही है. लेकिन राज्य के आखरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले का आधे से अधिक हिस्सा दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र में बसा हुआ है. विशेषत: अनेक लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है. ऐसे में दुर्गम क्षेत्र में दौडऩेवाली बसों में कैसलेस प्रणाली का इस क्षेत्र के लोगों को किसी भी तरह का लाभ नहीं होगा. जिससे दुर्गम क्षेत्र के यात्रियों का क्या? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है.