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    एटापल्ली. एटापल्ली तहसील के करीब 10 गांवों की ओर जानेवाले मार्ग स्थित बांडिया नदी पर आजादी के बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं किए जाने से इन गांवों के नागरिक आज भी बदहाली की जिदंगी जीते दिखाई दे रहे हैं. लेकिन इस ओर जनप्रतिनिधि और प्रशासन की अनदेखी होने के कारण इन गांवों के नागरिक आज भी विकास की आस लगाए बैठे हुए हैं जिससे प्रशासन और सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर तत्काल पुलिया निर्माण कर लोगों को राहत दें, ऐसी मांग इन क्षेत्र के नागरिकों ने की है.

    एटापल्ली तहसील के कुदरी, मोहुर्ली, हेटलकसा, वेलमगल, पिपरी, बुर्गी, जिजावंडी, इरफनार समेत अन्य दो गांवों में विकास नहीं पहुंचा है. इन गांवों में जाने के लिये बांडिया नदी पार करनी पड़ती है. लेकिन इस नदी पर आजादी के बाद भी पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है. जिसके कारण प्रति वर्ष बरसात में संबंधित गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. पिछले सात दशकों से इस के नागरिकों द्वारा बांडिया नदी पर पुलिया का निर्माण करने की मांग की जा रही है. 

    पुलिया से बढ़ेगा दो राज्यों का व्यापार  

    ग्रामीणों ने बताया कि एटापल्ली तहसील से छत्तीसगढ़ राज्य सटा होने के कारण इस तहसील के दुर्गम क्षेत्र के लोग अधिकतर लेन देन का व्यापार छग के लोगों से करते हैं. लेकिन बांडिया नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण दोनों राज्य के लोगों को व्यापार करने में अनेक कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यदि बांडिया नदी पर पुलिया का निर्माण होगा तो, दोनों राज्यों के नागरिकों को सुविधा होगी और व्यापार बढ़ाने में मदद होगी, ऐसी बात भी ग्रामीणों ने कही है.

    बरसों से हो रही पुलिया बनाने की मांग 

    आजादी के सात दशक बाद भी बांडिया नदी पर पुलिया का निर्माण नहीं किए जाने के कारण इस क्षेत्र के अनेक गांवों के नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषत: बरसात के दिनों में सर्वाधिक त्रासदी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पिछले अनेक वर्षो से पुलिया निर्माण करने की मांग किए जाने के बाद भी अनदेखी होने के कारण क्षेत्र के नागरिकों में तीव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.